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कोरोना के खिलाफ जंग में सीड्स हुआ शामिल – सात राज्यों में कोविड-19 के खिलाफ चलाया अभियान
-सीड्स ने सर्वाधिक कमजोर और बंचित समुदायों तक मदद पहुंचाना शुरू किया
देहरादून। सीड्स ने भारत सरकार,, उत्तराखंड, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा की राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक मदद पहुंचाने का काम शुरू किया है। समुदायों को सक्षम बनाने के काम में सक्रिय मानवतावादी संगठन सीड्स हर क्षेत्र में इस महामारी के कारण शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थितियों पर पड़ने वाले प्रभावों से निबटने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।
कोरोना वायरस बीमारी 2019 (कोविड-19) के वैश्विक प्रकोप ने 195 से अधिक देशों को प्रभावित किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कल तक कोविड-19 के 562 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और इस बीमारी से 9 मौतों की पुष्टि हुई है। इस स्थिति में कल्याण कार्यों को भी धक्का लगा है। दिहाड़ी मजदूर अस्थाई तौर पर बेरोजगार हो गए हैं जबकि उनके पास बहुत कम बचत होती है और इस कारण वे अपने और अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाने में असमर्थ हैं। ऐसे प्रमाण हैं कि जिन लोगों की उम्र 60 साल से अधिक है और जो पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं उन्हें कोविड-19 की चपेट में आने तथा उनकी स्थिति गंभीर होने का खतरा अधिक होता है और साथ ही उनमें कोविड-19 के कारण मृत्यु दर भी अधिक होती है। जो बुजुर्ग ओल्ड एज होम में रह रहे हैं उन्हें बहुत कम सहायता मिल रही है और उन्हें गंभीर चुनौतियांे का सामना करना पड़ रहा है। सीड्स सुविधाओं से बंचित तथा कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले तथा इस महामारी के फैलने के कारण आर्थिक तौर पर सबसे अधिक प्रभावित होने वाले लोगों, खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तक मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है और इसके तहत इन बातों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। दिहाड़ी मजदूरों को वित्तीय सहायता और आवश्यक सेवाएं मुहैया कराया जाना। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के पूरक के तौर पर जिला प्रशासन की मदद करना। सुविधाओं से बंचित परिवारों, वृद्धाश्रमों और अनाथालयों में स्वच्छता किट और राशन की आपूर्ति। जहाँ आवश्यक हो, अस्थायी क्वेरेंटाइन केन्द्रों की स्थापना के लिए सरकार को सहायता।