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सरकार ने किसी भी उद्योगपति का एक रुपया भी माफ नहीं किया है: अरुण जेटली

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने करारा जवाब दिया है। जेटली ने बुधवार को राहुल के मध्य प्रदेश की एक रैली में दिए गए भाषण का बिन्दुवार जवाब देकर तथ्यहीन ठहराया। जेटली ने राहुल की समझ और ज्ञान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह बार-बार खुद से सवाल पूछते हैं कि राहुल कितना जानते हैं और कब जानेंगे? जेटली ने कहा कि हर बार मैं जब राहुल गांधी को संसद के भीतर या बाहर सुनता हूं तो खुद से सवाल करता हूं- वह कितना जानते हैं? वह कब जानेंगे?। मध्य प्रदेश में उनके भाषण को सुनकर उनकी जिज्ञासा और प्रबल हुई है। क्या उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दी जा रही या उन्हें तथ्यों की परवाह नहीं है। जेटली ने राहुल गांधी के मध्य प्रदेश में दिए गए भाषण के छह बिन्दुओं को तथ्यहीन ठहराकर कांग्रेस अध्यक्ष को करार जवाब दिया। जेटली ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान पूरी तरह गलत है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री पर देश के शीर्ष 15 उद्योगपतियों का ढाई लाख करोड़ रुपये लोन माफ करने का आरोप लगाया है। जेटली ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने किसी भी उद्योगपति का एक रुपया भी माफ नहीं किया है। हकीकत बिल्कुल उलट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दिवालियेपन पर नया कानून इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड बनाया है जिसके परिणामस्वरूप जिन लोगों पर बैंकों की राशि बकाया थी वे उनकी कंपनियों को छोड़कर दिवालिया घोषित होने को मजबूर हुए हैं। अधिकांशत: ये लोन यूपीए सरकार के कार्यकाल में दिए गए थे। जेटली ने राहुल गांधी के उस बयान को भी पूरी तरह गलत ठहराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि किसानों को नहीं, बल्कि उद्योगपतियों को लोन मिल रहा है। जेटली ने कहा कि आज जो फंसा कर्ज यानी एनपीए है उसमें से अधिकांश यूपीए-दो के कार्यकाल के दौरान 2008-14 की अवधि में दिए गए थे। 2014 के बाद मोदी सरकार इस लोन की वसूली के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। जेटली ने कहा कि राहुल गांधी का यह कथन कि प्रधानमंत्री ने देश छोड़कर भाग चुके दो हीरा कारोबारियों को प्रत्येक को 35,000 करोड़ रुपये दिए हैं, पूरी तरह गलत है। जेटली ने कहा कि यह बैंक फ्रॉड 2011 में शुरु हुआ, उस समय यूपीए-दो की सरकार थी। एनडीए के शासन में तो यह फ्रॉड पकड़ा गया है। जेटली ने कहा कि राहुल गांधी को पर्याप्त जानकारी भी नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राहुल के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो चीन में बनने वाले मोबाइल फोन भारत में ही बनेंगे। जेटली ने कहा कि 2014 में जब यूपीए में सत्ता में था, तब भारत में सिर्फ दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां थीं। मोदी सरकार की नीतियों के चलते बीते चार साल में देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या बढ़कर 120 हो गयी है और इसमें 1,32,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

जेटली ने राहुल के इस आरोप का भी जवाब दिया कि देश में नौकरियां सृजित नहीं हो रही हैं। जेटली ने कहा कि जीडीपी के ताजा आंकड़ों से पुन: यह बात साबित हो गयी है कि भारत दुनियाभर में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में डबल डिजिट वृद्धि हो रही है, मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार हो रहा है और निवेश बढ़ रहा है। ये सभी क्षेत्र ऐसे हैं जहां नौकरियां सृजित होती हैं। जेटली ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की याद दिलाते हुए राहुल के उस कथन का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर गांवों और खेतों को शहरों से जोड़ा जाएगा। जेटली ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता ने जब 2003 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया, उस समय भारत में सबसे खराब सड़कें एमपी में ही थीं। कांग्रेस के सत्ता से उखड़ने की प्रमुख वजह ही खराब सड़कें थीं।

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