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कठोर कानूनघ् के अनुपालन और रोड इंजीनियरिंग की हालत में व्यापक सुधार व जवाबदेही से ही कम होंगे सड़क हादसे

देहरादून। यदि यातायात नियमों को सख्ती से पालन किया जाए, सड़कों और रोड इंजीनियरिंग की स्थिति में व्यापक सुधार लाया जाए, कानूनों में बदलाव किया जाए और लोगों की जवाबदेही तय की जाए तो देहरादून और उत्तराखंड में लगातार होने वाले सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। घ्सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर मांगी गई प्रतिक्रिया के जवाब में आम लोगों ने ये सुझाव दिये हैं। अनूप नौटियाल के अनुसार वे देहरादून में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर घ्हाल ही में आयोजित हुए क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल में एक घ्पैनल डिस्कशन में शामिल हुए थे। उन्होंने महसूस किया कि इस बारे में आम लोगों की राय भी जाननी चाहिए। इसके लिए उन्होंने लोगों से लिखित प्रतिक्रियाएं और सुझाव मांगे थे।घ् घ्इस पैनल डिस्कशन में देहरादून के एसएसपी अजय सिंह और अभिनेता अवं वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा ने प्रतिभाग किया था।
उन्होंने बताया कि उन्हें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिक्रियाएं भेजी हैं। ये प्रतिक्रिया न सिर्फ देहरादून और उत्तराखंड से बल्कि न्यूजीलैंड और अमेरिका से भी मिली हैं। लोगों ने सबसे ज्यादा जोर सड़क नियमों का कड़ाई से पालन करवाने पर दिया है। लोगों का कहना है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती की जानी चाहिए और सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। शराब पीकर वाहन चलाने और दोपहिया वाहनों पर हेलमेट न पहनने वालों से भी सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
अनूप नौटियाल ने बताया कि लोगों ने सड़क सुरक्षा से संबंधित कानूनों की समीक्षा करने और उनमें बदलाव करने की भी जरूरत बताई है।घ् लाइसेंस बनने की आसान व्यवस्था को लेकर लोगों ने बेहद बड़ी चिंता जाहिर की। लोगों ने सड़कों की स्थिति में सुधार लाने का सुझाव दिया है और कहा है कि सड़कों की स्थिति, ट्रैफ़िक लाइट, पार्किंग सुविधाएं, वाइन शॉप, डिवाइडर, साइनेज, लेन मार्किंग और स्ट्रीट लाइटिंग से संबंधित कई मामलों में सुधार करने की जरूरत है। आम लोगों की ओर से सभी संबंधित व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने का सुझाव भी दिया गया है। मसलन माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नाबालिग या बिना लाइसेंस वाले अपने बच्चों को वाहन न सौंपे। बार प्रबंधकों, पब मालिकों और पार्टियां आयोजित करने वालों को भी नियमानुसार कार्य करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसके साथ ही लोगों ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सबसे निचले स्तर तक के कर्मचारियों को सड़क सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारियां सौंपने की जरूरत पर जोर दिया है। इसके साथ ही लोगों ने यातायात नियमों के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करने की जरूरत बताई है। इसके लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और स्कूल स्तर घ्से ही यातायात नियमों से संबंधित कक्षाएं चलाने का सुझाव दिया गया है। अनूप नौटियाल ने बताया कि इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर उन्होंने एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया है जिसे अब देहरादून के एसएसपी अजय सिंह और सरकार के अन्य पदाधिकारियों को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सड़क दुर्घटनाओं में अब तक कई लोगों को खो चुके हैं। अब और ज्यादा नुकसान नहीं होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए घ्हर संभव प्रयास घ्निरंतरता के साथ शीघ्र शुरू कर दिये जाएं।

 

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