ऊर्जा निगम मुख्यालय पर रीजनल पार्टी ने किया प्रदर्शन
देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस लिये जाने की मांग को लेकर ऊर्जा निगम मुख्यालय के समक्ष बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारियों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने पहले ही मुख्यालय के गेट बंद कर ताले लगा दिए । इस दौरान राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता उर्जा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। उर्जा निगम के डायरेक्टर(ऑपरेशन) एम आर आर्य ने मौके पर आकर पार्टी कार्यकर्ताओं से वार्ता की और सभी मांगों पर समयबद्ध कार्यवाही का आश्वासन दिया। अपर तहसीलदार सुरेन्दर सिंह ने मौके पर आकर आंदोलन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से वार्ता की तमाम मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम अपर तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
इस दौरान राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि ऊर्जा विभाग बिजली चोरी और लाइनलॉस रोकने के मामले में असफल है और इसका खामियाजा सीधे आम उपभोक्ता को बढ़ी हुई बिजली की दरों को भुगतान कर चुकाना पड़ रहा है।
प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने बिजली की बढ़ी दरें वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऊर्जा प्रदेश में यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रिपेड मीटर लगाए जा रहे हैं ऐसे में विद्युत उपभोक्ताओं से कनेक्शन के दौरान सिक्योरिटी लिया जाना बिल्कुल गलत है। जो पुराने उपभोक्ता हैं, उनकी सिक्योरिटी प्रीपेड मीटर लगने के बाद या तो वापस की जाए या फिर आगामी बिजली के बिलों में ही एडजेस्ट की जाए।
वहीं पार्टी की यमकेश्वर महिला प्रकोष्ठ प्रभारी द्रौपदी रावत ने कहा कि हद तो ये हो गयी है कि ऊर्जा निगम के द्वारा इतनी रकम वसूलने के बाद भी उपभक्ताओं को बिलों के नाम पर खाली कागज पकड़ा दिया जा रहा है, जिसमे ना रकम दिख रही है और न ही जो अलग चार्जेज लगाये गए है उनका पता चल रहा है। वहीँ राष्ट्रवादी रीजिनल पार्टी की महिला प्रकोष्ठ महानगर अध्यक्षा शशि रावत ने कहा की हमारी पार्टी जनमुद्दों को उठाने और जनता को उनका हक दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। दयाराम मनोड़ी ने कहा कि यदि बिजली के बिलों में और बढ़ोतरी जारी रही या फिर सिक्योरिटी यूं ही ली जाती रही तो फिर ऊर्जा निगम के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी को मजबूरन आम उपभोक्ताओं के साथ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसकी समस्त जिम्मेदारी ऊर्जा विभाग की होगी। प्रदर्शन मे जगदम्बा बिष्ट, शशि रावत,ऋषिका चौहान, द्रौपदी रावत, रजनी कुकरेती, गीता बिष्ट, दीपा राणा, शान्ति चौहान, रिंकी कुकरेती, रेनू नवानी, प्रियंका रावत, कुशुम, लीला देवी, हंसी देवी, यशोदा देवी, गुडी देवी, राजेन्द्र गुसांई, सुरेन्द्र चौहान, दयाराम मनौड़ी, शिव सिहं भैराटी, सोभित भद्री आदि दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।