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राजस्थान में थम गया चुनाव प्रचार का शोर, मतदान होगा सात दिसम्बर को

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार का शोर बुधवार की शाम पांच बजे थम गया। अब प्रत्याशी और उनके समर्थक घर-घर जनसंपर्क कर वोट मांग रहे हैं। राज्य के विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य के 199 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुक्रवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा। रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो जाने से चुनाव स्थगित कर दिया गया है।

निर्वाचन विभाग ने तैयारी पूरी की  चुनाव में 2274 प्रत्याशी अपना भाग्य अजमा रहे हैं। इनमें भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एवं निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 4,75,54,217 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें 2,47,22,365 पुरुष और 2,27,15,396 महिला मतदाता हैं। सर्विस वोटर्स की संख्या 1,16,456 है। 51,687 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने राज्य के मतदाताओं से अपील की है कि वे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए बिना किसी भय के सात दिसंबर को मतदान करें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सारी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पहले की अवधि बुधवार शाम पांच बजे से सात दिसंबर सायं पांच बजे तक राजनीतिक दल या प्रत्याशियों द्वारा सार्वजनिक सभा आयोजित करने, जुलूस निकालने, सिनेमा, दूरदर्शन या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही संगीत-समारोह, नाट्य-अभिनय या अन्य कोई मनोरंजन कार्यकम आयोजित कर चुनाव प्रचार पर भी प्रतिबंध रहेगा। प्रत्याशियों द्वारा घर-घर जाकर जनसंपर्क के माध्यम से अपना प्रचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को प्रिंट मीडिया में किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति द्वारा प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का राज्य स्तरीय एमसीएमसी कमेटी या जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी से अधिप्रमाणन किया जाना जरूरी है। दोनों दिन प्रकाशित होने वाले विज्ञापन बिना प्रमाणन के प्रकाशित नहीं किए जा सकेंगे।

अंतिम दिन राजनीतिक दलों ने झोकी ताकत  चुनाव प्रचार के अंतिम राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोक दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने दौसा और सुमेरपुर में दो स्थानों पर सभा की, वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अजमेर में रोड शो किया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आधा दर्जन सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस में अहमद पटेल, मुकुल वासनिक, नवजोत सिंह सिद्धू, राजबब्बर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अशोक गहलोत, सचिन पायलट और अविनाश पांडे सहित कई नेताओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित किया। प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रोड शो कर जनसंपर्क किया। चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद अब नेता और कार्यकर्ता मतदान की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। प्रचार के इन 15 दिनों में सत्तारूढ़ भाजपा के स्टार प्रचारकों ने राजस्थान में 223 सभाएं और 15 रोड शो किए। प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो सभाएं और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अजमेर में रोड शो किया। राजस्थान में चुनाव प्रचार 21 नवंबर से शुरू हो गया था। तब से अब तक भाजपा के 16 प्रमुख स्टार प्रचारकों ने पूरे प्रदेश में दौरा किया। पार्टी ने इनका कार्यक्रम कुछ इस ढंग से तय किया था कि एक स्टार प्रचारक जिस क्षेत्र में हैं, वहां उस दिन कोई दूसरा स्टार प्रचारक न हो। इसके चलते प्रचार अभियान बहुत व्यवस्थित ढंग से चला। सबसे ज्यादा प्रचार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। सबसे ज्यदा भीड़ भी इनकी सभाओं में ही नजर आई।

गौरतलब है कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 पर सात दिसंबर को मतदान होना है। अलवर जिले के रामगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था।इस कारण इस सीट पर मतदान नहीं हो पाएगा। राज्य के चुनावी नतीजे 11 दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ ही आएंगे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। राजस्थान में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा रही है। सभी राज्यों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।

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