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पंजाब से मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए कैप्‍टन सरकार ने किया बड़ा फैसला

चंडीगढ़। काेरोना वायरस COVID-19 के संक्रमण के कारण पंजाब में कर्फ्यू के कारण सभी कामकाज और फैक्‍टरियां बंद हैं। इस कारण राज्‍य से प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं। इस पलायन को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला किया है। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने राज्‍य में फैक्‍टरियों को कुछ शर्तों के साथ खोलने और काम शुरू करने की मंजूरी दे दी है।

सुरक्षित माहौल की शर्त पर उद्योगों, ईंट भट्ठों में उत्पादन शुरू करने की इजाजत COVId-19 के कारण 21 दिन के लाॅक डाउन और राज्य में चल रहे कर्फ्यू के बीच मजदूरों के पलायन स्थिति को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार देर शाम यह बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने रविवार देर शाम यह आदेश जारी किए। सरकार यह फैसला इसलिए भी ले रही है, क्योंकि अगले माह से गेहूं की कटाई का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में अगर श्रमिक वापस चले गए तो गेहूं कटाई का काम बुरी तरह प्रभवित हो सकता है। कैप्टन ने कहा है कि सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास से मजदूरों के ठहरने का प्रबंध करने के लिए बातचीत की है। डेरा ब्यास ने अपने भवनों को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने का ऑफर दिया था। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि अगर उद्यमी अपनी फैक्टरी या इंडस्ट्री में मजदूरों को सुरक्षित माहौल दे सकते हैं तो वे अपना उत्पादन शुरू कर सकते हैं। इस फैसले में ईंट भट्ठा उद्योग भी शामिल होगा। सरकार ने यह कदम तब उठाया है जब दो दिनों से राज्य में कोरोना वायरस से पीड़ित कोई भी नया मरीज सामने नहीं आया है। राज्य में वर्तमान में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 38 है।

मजदूर न जाए वापस अपने घर इसलिए राधा स्वामी सत्‍संग घर में रहने का करेगी सरकार इंतजाम  वहीं, राज्य से लगातार वापस जा रहे श्रम शक्ति को देखते हुए पंजाब सरकार मजदूरों को  राधा स्वामी सत्‍संग ब्यास के सत्‍संग घरों में ठहराने का विचार कर रही है। सरकार यह फैसला इसलिए भी ले रही है क्योंकि अगले माह से गेहूं की कटाई का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में अगर श्रमिक वापस चले गए तो गेहूं कटाई का काम बुरी तरह से प्रभवित हो सकता है कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राधा स्वामी सत्‍संग ब्यास ने पहले ही अपने भवनों को आइसोलेशन की सुविधा के लिए ऑफर किया था। इस कारण सरकार ने राधा स्‍वामी सत्‍संग ब्‍यास के साथ भी प्रवासी मज़दूरों के ठहरने के प्रबंध करने के लिए बातचीत की है। अगले दो सप्ताह में शुरू होने वाली गेहूं की कटाई के लिए उनकी ज़रूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि औद्योगिक इकाइयां और भट्टा मालिकों के पास प्रवासी मज़दूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह और भोजन देने का सामर्थ्‍य है, तो वह अपना उत्पादन शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन इकाइयों के मालिकों को इस समय के दौरान शारीरिक दूरी कायम रखने को यकीनी बनाने के लिए कहा। कैप्टन  ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों में कामगारों के लिए साफ़-सफ़ाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि इकाइयों को साझी सहूलितों वाले स्थानों की सफ़ाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा और सेनिटाइजऱ भी उपलब्ध होने चाहिए।

इन शर्तों पर मिलेगी छूट

-यदि औद्योगिक इकाइयां और भट्ठा मालिकों के पास मजदूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह व भोजन देने की क्षमता होनी चाहिए।

-सभी औद्योगिक इकाइयों को काम के दौरान शारीरिक दूरी कायम रखने को यकीनी बनाना होगा।

-कामगारों के लिए साफ-सफाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाने होंगे।

-सार्वजनिक जगह पर सफाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करने होंगे।

-कार्यस्थल के प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराना होगा।

अधिकारियों को आदेश- भोजन व अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी न हो सरकार ने रविवार को श्रमिकों के घर लौटने की समस्या पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला उद्योग व ईंट भट्ठा मालिकों व लॉकडाउन के कारण रोजगार खो चुके मजदूरों के लिए लाभकारी होगा। कैप्टन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संकट की घड़ी में मजदूरों, दिहाड़ीदारों को भोजन व अन्य प्राथमिक वस्तुओं की कमी न हो। वहीं, श्रम विभाग ने उद्योगों को एडवाइजरी जारी कर दी है कि कामगारों को नौकरी से न हटाएं और उनके वेतन में कटौती न करें।

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