पीएम के एलान के बाद कुछ राज्यों ने माना और कुछ राज्यों ने बंद नहीं किए साक्षात्कार
नई दिल्ली : 2015 में 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि सभी राज्य कनिष्ठ स्तर की सरकारी नौकरियों से साक्षात्कार प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। पारदर्शिता के लिहाज से उन्होंने यह एलान किया था। केंद्र के साथ 20 राज्यों ने इस पर तत्काल प्रभाव से अमल किया, लेकिन नौ राज्य अभी भी ऐसे हैं, जो अभी तक कारगर व्यवस्था नहीं बना सके कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने नौ राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वह तत्काल प्रभाव से ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिससे ग्रुप सी, डी, बी (गैर राजपत्रित) व इसके समकक्ष पदों से साक्षात्कार प्रक्रिया को हटाया जा सके। उनका कहना था कि केंद्र सरकार के तहत आने वाले सभी महकमों के साथ स्वायत्त संस्थाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में यह फैसला लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के साथ प. बंगाल, हरियाणा, नगालैंड, ओडिशा, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, सिक्कम के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर फैसला लागू करने को कहा है।उनका कहना है कि पीएम के एलान के पांच माह के भीतर उनके मंत्रालय ने यह व्यवस्था लागू करा दी थी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के अलावा साक्षात्कार खत्म होने से चयन प्रक्रिया में होने वाले भारी भरकम खर्च को भी रोका जा सकेगा। जितेंद्र सिंह ने राज्यों से कहा कि वह जरूरी कदम उठाकर उन्हें इनके अवगत कराए। गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 31 जनवरी 2017 को कहा था कि साक्षात्कार बंद होने चाहिए। उनका कहना था कि इससे चयन प्रक्रिया सरल होगी तो इसमें और ज्यादा पारदर्शिता भी आ सकेगी।