प्रदेश सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री का बयान- सरकार जनता की विकास की आकांक्षा को पूरा करने के लिए है तत्पर
देहरादून। प्रदेश सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि सरकार जनता की विकास की आकांक्षा को पूरा करने के लिए तत्पर है। बहुत कुछ किया गया है, बहुत कुछ किया जाना है। हमारा पहला वायदा भ्रष्टाचारमुक्त शासन देना था। जिसमें हम काफी कामयाब भी रहे हैं। जीरो टॉलरेंस की हमारी नीति ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है। जांच एजेंसियों को फ्री-हैंड दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’, सीएम हेल्पलाईन 1905 और सेवा का अधिकार से कार्य संस्कृति में सुधार लाया जा रहा है। इसमें हमें काफी कामयाबी भी मिली है। हमारी विकास दर देश की विकास दर से अधिक रही है।
कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व काम किया गया है। ऑल वेदर रोड़ व भारतमाला योजना पर तेजी से काम चल रहा है। डाटकाली टनल सहित कई परियोजनाओं का निर्माण समय से पहले पूरा कर अभी तक 300 करोड़ रूपए से अधिक बचाए जा चुके हैं। टिहरी में डोबरा-चांठी मोटर झुला पुल का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह परियोजना पिछले 14 वर्षों से अटकी पड़ी थी। हमने इसके लिए एकमुश्त राशि जारी की और काम में तेजी लाए।
इसी प्रकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है। राज्य में हेली सेवा के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। राज्य सरकार की पहल से उड़ान योजना के तहत देहरादून, पंतनगर व पिथौरागढ़ के लिए सस्ती हवाई सेवा प्रारम्भ कर दी गई है। आज देहरादून, देश के प्रमुख शहरों से हवाई सेवा के माध्यम से जुड़ चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली व उच्च शिक्षा की क्वालिटी में सुधार ला कर हमारे बच्चों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश के समस्त विद्यालयों में फर्नीचर, वाटर सप्लाई, टॉयलेट, कंप्यूटर, लाइब्रेरी और लैब की व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से 2022 तक पूर्ण किया जाएगा।
हमने बड़ी संख्या में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की तैनाती की वर्तमान में 2045 चिकित्सक तैनात किए गए हैं जबकि पूर्व में केवल 1081 थे। पहले की तुलना में इनकी संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। संस्थागत प्रसव, मातृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बालिका लिंगानुपात, टीकाकरण आदि तमाम हेल्थ इंडेक्स में बहुत सुधार हुआ है। स्वास्थ्य उप केंद्रों को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करते हुए इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई है। बद्रीनाथ धाम के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। इस बार चारधाम व हेमकुण्ड साहिब के दर्शनों के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के समस्त परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसमें किसी स्तर पर गड़बड़ी न हो इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम घर-घर तक बिजली पहुंचा चुके हैं। उत्तर भारत में हम सबसे कम दरों पर बिजली दे रहे हैं।
नदियों व जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। हर जिले में एक वाटरशेड पर काम किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रहे हैं। 58 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 5 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। ‘मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना’ में बीस हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के ढ़ाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने के लिए हमने एक पहल की है। अति कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखरेख का अभियान प्रारम्भ किया गया है। इसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी, उद्योगपति, समाजसेवियों द्वारा चिन्हित अति कुपोषित बच्चों की जिम्मेवारी स्वेच्छा से ली जाती है। परम्परागत कृषि विकास योजना के पहले चरण में स्वीकृत 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया जा चुका है। जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए ‘‘फार्म मशीनरी बैंक’’ योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश रही है कि उत्तराखण्ड में केंद्र सरकार के सहयोग से बड़े संस्थान खुल सकें। देहरादून में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर व रानी पोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर दिया गया है। डोईवाला में सीपेट शुरू किया जा चुका है जहां सौ फीसदी प्लेसमेंट मिल रहा है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर की स्थापना की जा रही है। देश की पांचवी साइंस सिटी देहरादून में बनाई जा रही है। देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना यहां की गई है। युवाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए ‘स्टार्ट अप पॉलिसी’ लाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 11 हजार से अधिक उद्यमों की स्थापना हुई। इनमें लगभग 80 हजार लोगों को रोजगार मिला। इन्वेस्टर्स समिट के केवल 10 माह की अवधि में लगभग 17 हजार करोड़ रूपए के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। जबकि उत्तराखण्ड बनने के 17 वर्षों में 40 हजार करोड़ का निवेश हुआ था। पाईननिडिल व अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति लागू की है। इसके तहत अभी तक 21 योजनाएं आवंटित की जा चुकी है। प्रदेश में ऐसे 6 हजार पिरूल संयंत्र स्थापित करने की योजना है। इससे लगभग 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। संशोधित सौर ऊर्जा नीति 2018 जारी की गई है। इसमें 5 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजना, पर्वतीय क्षेत्रों के स्थाई निवासियों के माध्यम से स्थापित की जा सकती हैं। अभी तक 208 लोगों को 148 मेगावाट की परियोजनाओं के आवंटनपत्र सौंपे जा चुके हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। ‘होम-स्टे’ के माध्यम से पर्यटन अब ग्रामीणों की आजीविका का साधन बन रहा है। 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड डेस्टीनेशन विकसित कर रहे हैं। टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए एमओयू किया गया है। हम पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाने जा रहे हैं।
उत्तराखण्ड में माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि की बहुत सम्भावनाएं हैं। इसके लिए साहसिक पर्यटन का अलग से निदेशालय बनाया जा रहा है। वैलनैस टूरिज्म पर भी हम फोकस कर रहे हैं। प्रदेश में फिल्मों की अधिक से अधिक शूटिंग हो, इसके लिए हमने राज्य में फिल्मों के अनुकूल माहौल बनाया है। यही कारण है कि भारत सरकार द्वारा ‘मोस्ट फ्रेंडली स्टेट फॉर फिल्म शूटिंग’ भी घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को सैन्यधाम की संज्ञा दी है। हमारी सरकार शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। किसी तरह की आपदा की स्थिति में रेस्पोंस टाईम में कमी लाने की कोशिश की है और हमें इसमें कामयाबी भी मिली है।