आपदा के समय सिविल और रिजर्व वन क्षेत्र के फेर में न पडे़ं अधिकारीः हरक सिंह रावत
श्रीनगर। वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सिविल एवं रिजर्व वन क्षेत्र के फेर में न पड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए आपात स्थिति है। इसमें किसी वन क्षेत्र में भेद करने की जरूरत नहीं है। पूरे वन क्षेत्र को एक दृष्टि से देखें, जिस रेंज के समीप जंगल जल रहा हो, आग बुझाने की जिम्मेदारी उसी रेंज की है। श्रीनगर में वन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए वन मंत्री ने कीर्तिनगर रेंज का अतिरिक्त चार्ज सकलाना रेंज के अधिकारी को देने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नरेंद्र नगर वन विभाग ने यदि प्रशासनिक आधार पर कीर्तिनगर रेंजर को चार्ज नहीं दिया था तो डिप्टी रेंजर को जिमेदारी देनी चाहिए थी। इस स्थिति में एक रेंजर को दो रेंज देना उचित नहीं है। उन्होंने आग बुझाने के लिए फायर वॉचरों की संख्या बढ़ाए जाने और महिलाओं की सहभागिता बढ़ाए जाने पर जोर दिया। वहीं, वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि अब प्रदेश के वन कर्मियों समेत केंद्र की ओर से भेजे गए हेलीकॉप्टर और एसडीआरएफ की टीमों की मदद से जगलों में लगी आग पर काबू पाया जाएगा। साथ में तय किया जाएगा कि स्थानीय लोगों को भी जागरूक करने का कार्य किया जा सके। जिससे वनाग्नि की घटनाओं पर रोक लग सके।