निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने का आदेश मिलने से पहले ही तिहाड़ जेल प्रशासन सभी तैयारियां पूरी करने में जुटा
नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने का आदेश मिलने से पहले तिहाड़ जेल प्रशासन सभी तैयारियां पूरी करने में जुटा है। जेल संख्या-3 के फांसी घर में अभी एक बार में दो दोषियों को ही फंदे पर लटकाने की व्यवस्था है, इसलिए फांसी घर में ढांचे के ऊपरी प्लेटफार्म की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है, ताकि जरूरत पड़े तो एक साथ चारों दोषियों को फंदे पर लटकाया जा सके। यहां एक सप्ताह से निर्माण कार्य चल रहा है और उधर से गुजरने वाले रास्ते पर चुनिंदा कर्मचारियों व जेल प्रशासन के भरोसेमंद कैदियों को ही आवाजाही की अनुमति है। जेल प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग से निर्माण और मरम्मत कार्यों में तेजी लाने को कहा है। हालांकि, दोषियों को मिली फांसी की सजा पर अमल से जुड़ा अंतिम निर्णय बाकी है।
जेल अधिकारियों का कहना है कि निर्णय जो भी हो, जेल प्रशासन को हर स्तर पर तैयारी करनी होगी। चाहे जल्लाद के इंतजाम की बात हो या फांसी घर में व्यवस्था पूरी करने की बात। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में दोषियों को फांसी पर लटकाने में कई घंटे लग सकते हैं, इसलिए व्यवस्था जितनी जल्दी सही कर ली जाए, उतना ही अच्छा होगा। हालांकि, जेल प्रशासन के पास विकल्प यह भी है कि दोषियों को एक दिन के बजाय अलग-अलग दिन फांसी दे।
उधर, निर्भया की मां की याचिका पर शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होनी है। जेल प्रशासन के अनुसार, चारों दोषियों की पेशी से जुड़ा प्रोडक्शन वारंट नहीं मिला है। ऐसे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी होगी। जेल प्रशासन स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर यह बताएगा कि चारों दोषियों ने अपने किन अधिकारों का इस्तेमाल किया है और क्या विकल्प बचे हैं।
सुप्रीम कोर्ट निर्भया के दोषी की पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसंबर को करेगा सुनवाई निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड में मौत की सजा सुनाए गए चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा। अक्षय ने 2017 में सुनाए गए मृत्युदंड के फैसले पर अदालत से पुनर्विचार करने की मांग की है। तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। अक्षय के वकील ने यह कहते हुए मौत की सजा पर सवाल उठाया है कि प्रदूषण के चलते वैसे ही लोगों की उम्र कम हो रही है।
इससे पहले पिछले साल नौ जुलाई को इस मामले के तीन अन्य दोषियों-मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। अदालत ने कहा था कि इन दोषियों के मृत्युदंड पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है। उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्र के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। अदालत ने उसके चार गुनहगारों को मौत की सजा सुनाई है।इस बीच, निर्भया की मां ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और सरकार से दोषियों को तत्काल सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ढाई साल हो गए हैं, जब सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को गुनहगार ठहराते हुए सजा सुनाई थी। उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज हुए 18 महीने हो गए। उन्होंने कहा कि सात साल से हमलोग संघर्ष कर रहे हैं। कोर्ट तत्काल सजा की तारीख तय करे।