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निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान हमला एक आतंकी हमला था आैर अाइएसअाइ ने खालिस्‍तान लिब्रेशन फाेर्स से कराया:- कैप्‍टन अमरिंदरसिंह

चंडीगढ़। अमृतसर के अदलीवाल गांव के निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान हुए हमले के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस ने एक हमलावर को गिरफ्तार किया है। मुख्‍यमंत्री कैन्‍टन अमरिंदर सिंह ने यहां कहा कि यह आतंकी हमला था आैर अाइएसअाइ ने केएलएफ (खालिस्‍तान लिब्रेशन फाेर्स) से कराया था। यह ग्रेनेड हमला पंजाब के ही दो युवकों से कराया गया था। एक हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और दूसरे फरार हमलावर की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार हमलावार से पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं।

एक हमलावर फरार, उसी ने फेंका था सत्‍संग पर ग्रेनेड  मुख्‍यमंत्री ने बताया कि सीआइए अमृतसर ने पकड़ा। पकड़ा गया व्‍यक्ति बांदा धारीवाल गांव का रहनेवाला है और उसका नाम विक्रमजीत सिंह हैै। दूसरा हमलावर अवतार सिंह फरार है। उसे भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ बहुत एक्टिव है और इस हमले में भी उसका हाथ है। हमले में इस्‍तेमाल किया गया हैंड ग्रैंनेड पाकिस्तान का था। पुलिस ने मोटरसाइकिल भी रिकवर कर लिया है। यह अातंकी हमला था और आइएसआइ के इशारे पर केएलएफ ने कराया था। केएलएफ का हरमीत सिंह लौहार में है और आइएसआइ उसका प्रयोग कर रही है।

य‍ह आतंकी हमला था और इसका कोई धार्मिक या सांप्रदायिक एंगल नहीं  मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि इस घटना का कोई सांप्रदायिक या धार्मिक एंगल नहीं है। यह आतंकवाद का पूरी तरह मामला है। निरंकारी भवन और सत्‍संग को इसलिए निशाना बनाया गया क्‍योंकि यह आतंकियों के लिए आसान टारगेट था। कैप्‍टन ने कहा कि हमें पहले ही कई संगठनों को निशाना बनाने की आशंका थी और इसके मद्देनजर हमने पूरी तत्‍परता और सावधानी से सुरक्षा के उपाय किए थे। इसकी कारण हम कई इस तरह के हमले होने से रोक सके। उन्‍होंने कहा कि निरंकारी भवन में हमले के लिए जिस ग्रेनेड का प्रयोग किया गया वह सी तरह का है जैसा कश्‍मीर में सेना के खिलाफ आतंकियों व पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्‍तेमाल किया जाता है। यह पाकिस्तान के लाइसेंस प्राप्त कारखाने द्वारा बनाया गया था। अवतार सिंह चकमिस्रीखान लोपोके का रहनेवाला है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि ये दोनों ट्रेंड आतंकी नहीं है। इनको बम की लोकेशन बताया गया था। बम एक पेड़ के नीचे रखा गया था। निरंकारी भवन सॉफ्ट टारगेट था। उन्‍होंने कहा कि पकड़ा गया युवक मोटरसाइकिल चलाने वाला था। ग्रेनेड अवतार ने फेंका था। इन दोनों का पहले से कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी। इसी कारण इनका इस्‍तेमाल किया गया। इन्होंने यह पहली वारदात की है। कैप्टन ने कहा, इन युवकों को कितना पैसा दिया गया। ये अभी जांच का विषय है।

 पुलिस के अनुसार वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों हमलावरों ने मुख्य मार्ग को पकड़ने की बजाय गांवों की तरफ फरार होना आसान समझा। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे स्थानीय रास्तों, राजासांसी और आसपास के इलाकों से अच्छी तरह वाफिक थे। पुलिस मान कर चल रही थी कि या तो दोनों आसपास के ही गांवों में छिपे हैं या किसी की मदद से सुरक्षित ठिकाने तक पहुंच गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बताए हुलिये से अब बॉर्डर के गांवों में पड़ताल की जा रही थी। वहीं, पुलिस की खुफिया शाखा ने करीब 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इनमें से कुछ पहले आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं, जबकि कुछ अलगाववादी नेता रहे हैं। दूसरी तरफ नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) के अधिकारियों की जांच भी पूरी हो गई है। एनआइए की टीम ने निरंकारी भवन को सील कर दिया है। वहां से सभी सुबूतों को जुटाकर जांच के लिए दिल्ली रवाना हो गई। अमृतसर देहाती पुलिस के एसएसपी परमपाल सिंह व एसपी डी हरपाल सिंह ने घटनास्थल पर डेरा जमाए हुए हैं। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से सीआइए स्टाफ पूछताछ कर रहा है।

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