नाले की गैस से चाय बनाने वाला शख्स आया सामने, कहा- राहुल के बयान, कहा- राहुल का बयान अपरिपक्वता की पहचान
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को बायोफ्यूल डे पर संबोधन के दौरान नाले की गैस से चाय बनाने वाले एक शख्स का किस्सा सुनाया था। इस उदाहरण के बाद कई लोगों ने पीएम मोदी का मजाक उड़ाया था। यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी के किस्से पर तंज कसा था। लेकिन, अब ये तय हो गया था कि मोदी का किस्सा झूठा नहीं था।दरअसल, मोदी ने नाले से चाय बनाने वाले जिस शख्स का जिक्र किया था। वो शख्स अब सामने आ गया है। इस शख्स का नाम श्याम राव विर्के है और ये छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले हैं। श्याम राव ने बताया कि मैंने नालियों से पानी इकट्ठा किया और और पानी के बुलबुले इकट्ठा करने के लिए मिनी ‘कलेक्टर’ बनाया। गैस होल्डर के लिए मैंने एक ड्रम का इस्तेमाल किया। मैंने जब इसका परीक्षण किया तो यह काम करने लगा। इसे मैंने गैस स्टोव से जोड़ा और फिर चाय बनाने लगा। फिर मैंने इसे उस घर में लगाया जहां चार-पांच महीने के लिए खाना बनाया गया था। श्याम राव ने बताया ‘छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने मुझे इसे अगले स्तर पर ले जाने के लिए पैसे दिए। जब मैंने इसे नाले में लगाया तो तीन दिनों में काफी गैस इकट्ठा हो गई थी। कुछ वैज्ञानिकों ने मुझे बताया कि मेरे पेपर उच्च अधिकारियों के भेजे गए हैं। इस बात को दो साल हो चुके थे और मैं इसे भूल चुका था। अभी मुझे पता चला की मोदी जी ने मेरी खोज का जिक्र किया है। अब मैंने अपने प्रोजेक्ट का ग्लोबल पेटेंट करा लिया है।’ श्याम राव ने आगे बताया कि उनकी कोई वित्तीय मदद नहीं की गई। यहां तक कि नगरपालिका के लोगों ने उपकरण को फेंक दिया और कहा कि यह बेकार है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लोगों ने मुझे एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा। मैं निराश था इसलिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा ‘नाला मीथेन गैसों और प्रदूषण को उत्सर्जित कर रहा है। ये अब इस तरह के कुछ और ईंधन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय हित में है।’
नहीं सोचा था राहुल अपरिपक्व हैं’ श्याम राव ने राहुल के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा ‘मुझे राहुल गांधी का भाषण पसंद नहीं आया। मैंने कभी नहीं सोचा कि वह अपरिपक्व हैं।’
पीएम ने क्या कहा था पीएम मोदी ने किस्सा सुनाते हुए बताया था ‘मैंने एक अखाबर में पढ़ा था कि शहर में नाले के पास एक व्यक्ति चाय बेचता था। उस व्यक्ति के मन में विचार आया कि क्यों ना नाले से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल चाय बनाने में किया जाए। उसने एक बर्तन को उल्टा कर उसमें छेद किया और पाइप लगा दिया। अब नाले से जो गैस निकलती थी उससे वो चाय बनाता था।’