मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की खींचतान अब निर्णायक दौर में, जा सकता है सिद्धू का मंत्री पद
चंडीगढ़। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर शिकंजा कस गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनकी खींचतान अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सिद्धू पर सीधे एक्शन के मूड में आ गए हैं। कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान को भी अल्टीमेटम दे दिया है कि सिद्धू का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पता चला है कि कैप्टन ने हाईकमान को कह दिया है कि सिद्धू या तो अपना नया विभाग ज्वाइन करें या फिर वह उनकी जगह नया मंत्री बनाएंगे। दूसरी ओर, सिद्धू और उनके करीबियों पर विजिलेंस का घेरा भी कस सकता है। सिद्धू के स्थानीय निकाय मंत्री रहते कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के अलाटमेंट में घोर अनियमितता की शिकायतें हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने इसकी जांच शुरू कर दी है और बताया जाता है कि इसमें निशाने पर सिद्धू के कुछ करीबी हैं।
कैप्टन का अल्टीमेटम, सिद्धू मंत्री पद ज्वॉइन करें नहीं तो किसी और को दे दी जाएगी जिम्मेदारी बता दें कि कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों में बदलाव के 19 दिन बाद भी सिद्धू ने बिजली मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला है। इस समय पंजाब में धान की रोपाई का सीजन जोरों पर चल रहा है और बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बिजली महकमे में मंत्री का होना जरूरी है लेकिन सिद्धू विभाग से दूरी बनाए हुए हैं। उन्होंने मीडिया से भी दूरी बना ली है और न ही सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। हालांकि मंत्री पद गंवाने के बाद दो-तीन दिन ट्विटर पर शायरी के जरिए अपनी हाजिरी लगवाते रहे। बाद में उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव महासचिव प्रियंका गांधी से भी दिल्ली में मुलाकात की, लेकिन इसके बाद से वह नजर नहीं आ रहे हैं।
बिजली मंत्रालय ने फाइलें सीएम ऑफिस भेजनी शुरू की बताया जाता है कि बिजली विभाग के अधिकारी लगातार सिद्धू से संपर्क कर रहे हैं ताकि उनको फाइलें भेजी जा सकें, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। पता चला है कि विभाग ने अब फाइलें मुख्यमंत्री के पास भेजनी शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने भी इन फाइलों का निपटारा करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस हाईकमान को यह साफ संदेश दि दिया कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू ने नए विभाग का कार्यभार नहीं संभाला तो उनको हटा कर किसी और को मंत्री बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
सीएम के आदेश के बाद सोनी ने किया ज्वॉइन विभागों में किए गए फेरबदल से नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा ओपी सोनी भी नाराज चल रहे थे। वह मेडिकल एजुकेशन विभाग लेकर खुश नहीं थे। उन्होंने शिक्षा विभाग वापस लेने पर न केवल नाखुशी व्यक्त की बल्कि इसका ठीकरा मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार पर फोड़ दिया। पता चला है कि उन्हें भी मुख्यमंत्री ने महकमा ज्वाइन करने का आदेश दिया था। जिसके बाद सोनी ने मंत्री पद संभाल लिया। अब देखना है कि सिद्धू के मामले में क्या मोड़ आता है।
विजिलेंस ऐसा कस रहा है घेरा दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू और उनके करीबियों की परेशानी दूसरे तरीके से बढ़ सकती है। विजिलेंस ब्यूरो ने विजिलेंस ब्यूरो ने जीरकपुर नगर कौंसिल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के अलाटमेंट में घोर अनियमितता की शिकायत पर काम करना शुरू कर दिया है। विजिलेंस ब्यूरो प्रोजेक्टों के अलाटमेंट में सिद्धू के ओएसडी बन्नी संधू की भूमिका तलाश रहा है। विजिलेंस ब्यूरो ने जीरकरपुर नगर काउंसिल के दफ्तर में छापेमारी भी की है। बताया जाता है कि ब्यूरो के एआइजी आशीष कपूर ने जीरकपुर नगर कौंसिल के दफ्तर में ईओ गिरीश वर्मा के मोबाइल फोन से कुछ ऐसे मैसेज हासिल किए जो उन्हें स्थानीय निकाय विभाग की ओर से किए गए थे। बताया जा रहा है कि ब्यूरो अब वर्मा से यह जानने की कोशिश कर रहा है कि यह मैसेज किसने और क्यों किए हैं। ब्यूरो ने कुछ प्रोजेक्टों की फाइल कब्जे में ली है और उनकी विशेषज्ञों द्वारा पड़ताल चल रही है। इस मामले को ब्यूरो कितनी गंभीरता से देख रहा है, इसका अंदाजा इसी से चलता है कि रविवार को अवकाश वाले दिन भी ब्यूरो के अधिकारी फाइलों की पड़ताल में जुटे रहे। कुछ पार्षदों ने भी ब्यूरो के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। रेड के दौरान एआइजी आशीष कपूर ने ईओ वर्मा से कई घंटे तक पूछताछ की और इसके बाद कौंसिल के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज वह अपने साथ ले गए। अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि सिद्धू का निजी स्टाफ नगर कौंसिलों, यहां तक कि स्थानीय निकाय विभाग में अधिकारियों और क्लर्कों की तैनाती में पूरा दखल रखता था।
अभी जांच चल रही है : एआइजी विजिलेंस अधिकारी इस संबंध में फिलहाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। एआइजी आशीष कपूर इतना ही कहते हैं कि अभी जांच चल रही है।