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राज्य में मध्यम, लघु और अति लघु उद्योग हुए चैपटः किशोर उपाध्याय
देहरादून। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी के साथ उद्योगों की स्थापना में जुड़ा होने के कारण मुझे वर्तमान में कोरोना के प्रदेश में उद्योगों पर पड़ रहे विनाशकारी प्रभाव ने अत्यन्त चिन्तित कर दिया है। औद्योगिक पैकेज के खत्म होने के बाद यहाँ के उद्योग लगभग समाप्त हो गये थे और लगभग 70 प्रतिशत इकाइयां या तो बंद हो गयीं या बन्दी के कगार पर हैं। बचे हुये उद्योग इस महामारी में चैपट हो गये हैं। हरिद्वार, सेलाकुई, रूद्रपुर आदि औद्योगिक क्षेत्रों में शायद एक-आध उद्योग या तो आवश्यक सामानों या दवाईयों के चल रहे होंगे।
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ उद्योगपतियों, एसोसियेशन के साथियों, श्रमिक संगठनों, श्रमिक नेताओं, वहाँ नौकरी काम कर रहे लोगों के साथ बातचीत की, जिसमें कुमायूँ व गढ़वाल दोनों मंडल शामिल हैं, उनका मानना है कि यदि सरकारों ने (केन्द्र व राज्य) मदद नहीं की तो औद्योगिक ईकाईयों को पुनः शुरू करना सम्भव न होगा। हो सकता है, कुछ बड़े उद्योग, जिनकी संख्या बहुत कम है, अपने को बचा लें, लेकिन मध्यम, लघु और अति लघु उद्योगों को दुबारा शुरू करना बहुत कठिन काम है। श्रमिकों से लेकर कच्चे माल की अब बड़ी भारी दिक्कत है। हमारे यहाँ अधिकतर कच्चा माल बाहर से आता है। बिजली, पानी के बिल भरने तक की स्थिति नहीं है फिर सरकार के और कई टैक्स हैं। ऐसा कोई उद्योग नहीं है, जिसने बैंक से कर्ज न उठाया हो, अगर, बची-खुची औद्योगिक ईकाईयां भी बंद हो गयीं तो प्रदेश में विकट स्थिति पैदा हो जायेगी। उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से अनुरोध है कि इस पर तुरन्त ध्यान दे। सरकार को फिलवक्त सारे टैक्सों और बिलों की उगाही स्थगित करनी चाहिये, यथासंभव इनको माफ करना चाहिये। बैंक कर्जों की किश्तों को कम-कम से कम दो साल तक रोकना चाहिये और बैंकों को बिना ब्याज के कर्ज प्रदान करना चाहिये, जिसमें 3 वर्ष का मोरेटोरियम दिया जाना चाहिये। इसमें मुख्यमंत्री जी को स्वयं पहल करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि मैं यहां के सभी सांसदों, केंद्रीय वित्त मन्त्री व प्रधानमन्त्री से भी विनम्र आग्रह कर रहा हूँ।