Uttarakhand

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में जारी किया भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून : उत्तराखंड में मौसम के तेवर अगले एक-दो दिन तल्ख रहने वाले हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में राज्य के सात जिलों में भारी और बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। वहीं, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील के गौला में एक महिला चट्टानी मार्ग से फिसलकर नाले में बह गई। गौला गांव निवासी हरुली देवी पत्नी चंद्र सिंह निकट के ओखलिया गांव जा रही थी। चट्टानी मार्ग में पैर फिसलने से वह वाथी नाले में बह गई। महिला का कोई पता नहीं चल सका है। सूचना मिलते ही नाचनी से पुलिस मौके पर पहुंच कर खोजबीन में जुटी है।

मौसम खराब रहने के कारण कैलास मानसरोवर यात्रियों को पिथौरागढ़ से गुंजी पड़ाव नहीं भेजा जा सका। यमुनोत्री व गंगोत्री राजमार्ग करीब एक घंटे तक बाधित रहे। बारिश के चलते पर्वतीय जिलों में पचास से अधिक संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। वहीं, उत्‍तरकाशी में आज सुबह पांच बचे बारिश के कारण हुए भूस्‍खलन से यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास बंद हो गया। करीब तीन घंटे बाद हाईवे खोला जा सका।

राज्य में पिछले दो दिन से हल्की व मध्यम वर्षा हो रही है। शुक्रवार को भी यही क्रम जारी रहा। पिथौरागढ़ में मलबा आने से बंद 29 संपर्क मागों को नहीं खोला जा सका है। सातवां कैलास मानसरोवर यात्रा दल मौसम खराब रहने से पिथौरागढ़ से गुंजी नहीं उड़ सके, जबकि एक दल को मंगलवार से अल्मोड़ा में ही रोका गया है। बागेश्वर में 17 से अधिक संपर्क मार्ग मलबे की वजह से बंद हैं। चार धाम यात्रा जारी है, लेकिन बारिश के चलते कम यात्री धामों में पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड मौसम विभाग ने राज्य में अगले चौबीस घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में भारी और बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

भारी बारिश की संभावना को देखते हुए तैनात रहें हेलीकॉप्‍टर

भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आपदा में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर गढ़वाल व कुमाऊं में एक-एक हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिथौरागढ़ की अधिक संवेदनशीलता को देखते हुए वहां हेलीकाप्टर रखने का निर्णय किया गया। साथ ही हेली परिवहन कम्पनी को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत के लिए जरूरत न हो केवल उस समय पिथौरागढ़ में धारचुला से गुंजि तक सामान्य यात्रियों (जो कि आपदा प्रभावित नहीं है) को ले जाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है और इसके लिए यात्री से किराया 2500 रुपये जीएसटी लिया जा सकेगा। यह किराया सिर्फ नॉन रेस्क्यू उड़ानों के लिए निर्धारित किया गया है। परंतु आपदा बचाव के लिए जरूरत होने पर हेलीकाप्टर सामान्य यात्रियों के लिये प्रयोग नहीं किया जाएगा। आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए उनसे किसी तरह का कोई किराया नही लिया जाएगा।

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