जितने बड़े नेता, उतनी बड़ी हार, कांग्रेस समझ नहीं पा रही कि कहां से शुरू करें समीक्षा
पटना। प्रदेश कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपनी पराजय की समीक्षा करने जा रही है। लेकिन, उसे ठीक ठीक पता नहीं चल रहा है कि किस नजरिये से हार की समीक्षा हो। क्योंकि बड़े नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की बुरी हार हुई है। पार्टी ने दो विधायकों को उम्मीदवार बनाया था। एक जीत गए और दूसरे इस कदर हारे कि अब चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकेंगे। हारने वाले कांग्रेस के विधायक डा. अशोक कुमार अपने विधानसभा क्षेत्र में इस कदर हारे कि विधानसभा चुनाव लडऩे की हिम्मत भी मुश्किल से जुटा पाएंगे। डा. कुमार समस्तीपुर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े थे। वे रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस क्षेत्र में उन्हें 44479 वोट मिला। एनडीए उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या 93423 है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह पार्टी की राज्य इकाई के अलावा विधानसभा के भी अध्यक्ष रहे हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र कहलगांव में भागलपुर के महागठबंधन उम्मीदवार बुलो मंडल को सिर्फ 58010 वोट मिले। जबकि एनडीए उम्मीदवार अजय मंडल 124022 वोट बटोरने में कामयाब हुए।
पार्टी के एक और बड़े नेता हैं-विजय शंकर दुबे। विधानसभा क्षेत्र है-मांझी। उस क्षेत्र में महागठबंधन के उम्मीदवार 33 हजार वोटों के अंतर से पिछड़ गए।
औरंगाबाद या काराकाट से लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए अवधेश सिंह बेचैन थे। उनके विधानसभा क्षेत्र वजीरगंज में भी महागठबंधन उम्मीदवार को एनडीए की तुलना में 30 हजार कम वोट मिले। वरिष्ठ विधायक रामदेव राय के विधानसभा क्षेत्र बछवाड़ा में तो महागठबंधन के उम्मीदवार को तीसरा दर्जा हासिल हुआ। उस क्षेत्र में महागठबंधन को 31917, भाकपा को 46962 और एनडीए को 93423 वोट मिले। यही हालत बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र में भी रही। महागठबंधन को 16908, एनडीए को 122504 और भाकपा को 42240 वोट मिला। बेगूसराय की विधायक अमिता भूषण प्रदेश कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष भी हैं। कांग्रेस को सभी सीटों पर अकेले लडऩे की सलाह देने वाले विधायक अजित शर्मा के विस क्षेत्र भागलपुर में महागठबंधन उम्मीदवार को 57 हजार और एनडीए उम्मीदवार को 93 हजार से अधिक वोट मिले। विधानसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस के 27 विधायक जीते थे। लेकिन, लोकसभा चुनाव में सिर्फ तीन क्षेत्रों में कांग्रेस या उसके समर्थित उम्मीदवार को बढ़त मिल पाई।
किस्तों में हो रही हार की समीक्षा पार्टी अपनी हार की समीक्षा किस्तों में कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने नौ जून को कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। अगली बैठक विधायकों की होगी। इसमें पार्टी के इकलौते सांसद और आठ पराजित उम्मीदवार भी शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में दूसरे पर आरोप लगाने और पराजय की जिम्मेवारी थोपने वाले नेताओं से यह सवाल पूछा जाएगा कि महागठबंधन की जीत के लिए आपने क्या किया।