आइएसआइ के पैसे से चल रहे खालिस्तानी संगठन ने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने भारत विरोधी नारे लगाये
वाशिंगटन। वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने स्थित गांधी स्क्वायर में 73वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया था। जिस दौरान आजादी से संबंधित कार्यक्रम चल रहे थे, उसी दौरान मुट्ठी भर खालिस्तान समर्थक आकर भारत-विरोधी नारे लगाने लगे, जिन्हें वहां मौजूद भारतीयों ने खदेड़ दिया। बता दें कि अमेरिका में नारेबाजी और प्रदर्शन गैरकानूनी नहीं है। आइएसआइ के पैसे से चल रहे खालिस्तानी संगठन इसका फायदा उठाते हैं। हालांकि, इस दौरान सिख समुदाय के लोगों ने खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तानियों को करारा जवाब दिया। समारोह में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, ‘भारत ने अनुच्छेद-370 हटा दिया है। यह भारतीय संघ की एक बड़ी जीत है। सिख समुदाय भारत के साथ है। भारत में एक ऐसी सरकार है जिसमें शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व शामिल है। वह भारत में सबसे बड़ा सिख समुदाय हैं। वह भारत सरकार का हिस्सा हैं।’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अनुच्छेद-370 को खत्म करना वास्तव में भारत का सही मायने में एकीकरण है।’ एक व्यक्ति ने कहा कि यह भारत का स्वतंत्रता दिवस है। यह भारत के इतिहास का एक बड़ा दिन है, क्योंकि अनुच्छेद-370 और 35ए के खत्म होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विभाजनकारी राजनीति का अंत हो गया है।
यह भारत का सच्चा एकीकरण है। अब भारत एक देश है और उसका कोई दूसरा झंडा नहीं है। पाकिस्तान का पीओके में कुछ नहीं है। पाकिस्तान को अब वहां से चले जाना चाहिए। दरअसल, भारत का स्वतंत्रता दिवस वाशिंगटन में दूतावास रेजिडेंट में मनाया जाता था। पहली बार इसमें आम लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। इसमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लगभग 500 लोग शामिल हुए। इस मौके पर भारत के राजदूत हर्ष श्रृंगला ने लोगों का अभिवादन किया। स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के अलावा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को देखते हुए गांधी मेमोरियल सेंटर के सहयोग से उनके जीवन और संदेशों पर चांसरी भवन के सामने स्थित महात्मा गांधी पार्क में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के बाहर खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन अनुच्छेद-370 खत्म करने के विरोध में गुरुवार को पाकिस्तानियों के साथ मिलकर खालिस्तानी समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र स्थित भारतीय मिशन के बाहर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लगभग 400 लोग शामिल थे, जो खालिस्तान और कश्मीर के समर्थन में नारे लगा रहे थे। ये लोग गुलाम कश्मीर के झंडे के साथ ही खालिस्तान के पीले और जनमत संग्रह के नीले बैनर लिए हुए थे। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश सिख थे। संयुक्त राष्ट्र में पाक मिशन के राजनयिक प्रदर्शन की तस्वीरें लेते दिख रहे थे।