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जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता जरूरी
देहरादून। नाबार्ड, उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून द्वारा जलवायु परिवर्तन पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। नाबार्ड राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन अनुकूलन निधि के लिए राष्ट्रीय स्तरीय की क्रियान्वयन एंजेसी है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु सभी हिताधारकों के साथ काम करता है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से लड़ने, उन्हें कम करने तथा उनका अनुकूलन इस दौर की मांग है। इस कार्यशाला के द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रति परियोजनओं को तैयार करने तथा उनका लाभ हितधारको तक पहुँचान पर चर्चा की गई।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य महाप्रबंधक सुनील चावला ने नीति आयोग की जल प्रबंधन रिपोर्ट की हलावा देते हुए कहा कि राज्य की स्थिति जल इंडेक्स में गिरती जा रही है जो चिंता का विषय है तथा जलवायु परिवर्तन इसे ओर अधिक बढ़ा सकता है। अतः हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता तथा इस पर कार्य करना बहुत जरूरी है। मुख्य महाप्रबंधक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में इस निधि के तहत अभी तक किसी भी परियोजना का प्रस्ताव नहीं आया है। इस निधि के तहत राज्य को जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति जागरूक किया जा सकता है तथा सफल परियोजनाओं को पूरे राज्य में लागू करने पर कार्य हो सकता है।
राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र के नोडल अधिकारी आर.एन झा ने ग्रीन हाऊस गैसों के अत्याधिक उत्सर्जन के प्रति अपने विचार रखे। बर्ड लखनऊ से आए डॉ. विजय सिंह ने जलवायु परिवर्तन पर परियोजना बनाने की रूपरेखा के बारे में समझाया। राज्य सरकार के जलवायु व पर्यावरण विभाग की निदेशक सौजान्य आईएएस ने जलवायु परिवर्तन पर परियोजना हेतु प्रस्ताव बनाने तथा क्रियान्वयन करने में राज्य सरकार के संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। जेवीएनएस प्रसाद, प्रमुख वैज्ञानिक, क्रीडा, हैदराबाद ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। कार्यशाला में सिंचाई विभाग, वन विभाग, ग्रामीण विकास, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, जलागम प्रबंध विभाग, वन अनुसंधान आदि विभागों व गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में शिखा, महाप्रबंधक ने भी अपने विचार रखे। कार्यशाला का संचालन भूपेंद्र सिंह कुमावत ने किया।