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आईआईटी रूड़की के आईहब दिव्या संपर्क ने ग्रेटर नोएडा में दूसरी इन्क्यूबेशन एवं इनोवेशन सुविधा का किया उद्घाटन

रुड़की। आईआईटी रूड़की के आईहब दिव्या संपर्क ने आज ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईटी रूड़की के ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में दूसरी इन्क्यूबेशन एवं इनोवेशन सुविधा का उद्घाटन किया। आईहब दिव्या संपर्क टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब की स्थापना नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनेरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम मिशन के तहत की गई थी, जिसकी घोषणा 2019 के केन्द्रीय बजट में भारत को इंडस्ट्री 4.0 एवं सोसाइटी 5.0 के लिए तैयार करने हेतु की गई। आईहब दिव्या संपर्क की स्थापना सेक्शन 8 के तहत गैर-लाभ कंपनी के रूप में विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग तथा आईआईटी रूड़की द्वारा संयुक्त रूप से की गई। स्मार्ट सिटी, डिजिटल हेल्थ एवं इंडस्ट्री 4.0 आईहब दिव्या संपर्क के मुख्य फोकस क्षेत्र हैं।
आईहब दिव्या संपर्क डीप-टेक एवं उभरती तकनीकों जैसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, ड्रोन्स, आईओटी, ब्लॉकचेन, स्मार्ट डिवाइसेज़ एवं नए दौर की अन्य तकनीकों पर ध्यान केन्द्रित करेगा। उभरते उद्यमियों को नई तकनीकों में सहयोग प्रदान करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है। यह सेंटर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर आईआईटी रूड़की के डायरेक्टर प्रोफेसर के.के. पंत ने बताया कि स्टार्ट-अप्स विशेष रूप से डीप टेक स्टार्टअप अगले दशक में भारत के विकास की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आईआईटी रूड़की प्रीमियम तकनीकों के साथ भारत में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि आईआईटी रूड़की में आईहब दिव्या संपर्क टेकनोलॉजी हब कई स्टार्ट-अप्स को डीप टेक्नोलॉजीज़ में सहयोग प्रदान कर रहा है और अगले दो सालों में उनकी योजनाओं को समर्थन देगा। यह देखकर अच्छा लगता है कि आईआईटी रूड़की में हमारे मुख्य कैम्पस के अलावा आईहब अब एनसीआर क्षेत्र में भी मौजूद है जो आस-पास के कॉलेजों से स्टार्ट-अप्स एवं इनोवेटर्स को सहयोग प्रदान करता है। प्रोफसर पंत ने बताया कि पिछले 12 महीनों में आईहब दिव्या संपर्क ने कुल 8 करोड़ के वित्तपोषण के साथ 16 स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान किया है और अगले 12 महीनों में 15 करोड़ की प्रतिबद्धता के साथ 30 अन्य स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान करने की योजना बनाई है।

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