सीबीआई से करायें स्टील फैक्ट्रियों में बिजली चोरी की जांचः रीजनल पार्टी

देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रुड़की और काशीपुर सर्कल के अंतर्गत स्थापित स्टील फैक्ट्री में बिजली चोरी की जांच ईडी तथा सीबीआई से कराए जाने की मांग की है। देहरादून प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए उत्तराखंड की स्टील फैक्ट्री में हो रही बिजली चोरी को लेकर अधिकारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर जनहित में उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे। पार्टी ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को भी कर दी हैं। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी उत्तराखंड के रुड़की और काशीपुर सर्किल मे स्थापित स्टील फैक्ट्रियों में हर महीने बिजली चोरी करा रहे हैं। जो कि सालाना लगभग 500 करोड़ रुपए का सीधा-सीधा राजस्व का नुकसान है। फिर उसकी भरपाई ईमानदारी से काम करने वाली दूसरी फैक्ट्रियों और आम उपभोक्ता के बिजली बिलों का टैरिफ बढ़कर कर रही है। यह सरासर अन्याय है।
शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बिजली चोरी के कारण प्रदेश में ईमानदारी से काम करने वाली फैक्ट्रियां तो लगातार बंद हो रही है लेकिन ऊर्जा निगम की मिली भगत से बिजली चोरी करने वाली फैक्ट्रियां उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से अपना काम समेट करके उत्तराखंड में भट्टियां बढ़ा रही हैं, जिससे सरकार को विद्युत के राजस्व में तो भारी नुकसान हो ही रहा है वहीं सही ढंग से काम करने वाली फैक्ट्रियां नुकसान के चलते बंदी की कगार पर हैं। बिजली चोरी करने वाली कई फैक्ट्रियों ने चार से लेकर 8,10 तक फर्नेस लगा रखे हैं। लेकिन विद्युत बिल एक ही फर्नेस का दिखा रखा है। बाकी फर्नेस चोरी की बिजली से चल रहे हैं। बिजली चोरी करने वाली रुड़की लंढोरा तथा काशीपुर सर्कल में लाइन लॉस 65 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक है। किंतु लाइन लॉस वाले क्षेत्र के नुकसान की भरपाई अन्य क्षेत्रों में भी टैरिफ बढ़ाकर की जा रही है।हालात यहां तक हो गई है कि बिजली चोरी करने वाली फैक्ट्रियां उत्तर प्रदेश की इकाइयों में काम कम करके उत्तराखंड में ही उत्पादन कर रही हैं और मोनोपोली बनाने के लिए कच्चा माल महंगी दरों पर खरीद रही हैं तथा तैयार माल अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर बेच रहे हैं। इनकी भरपाई तो बिजली चोरी के चलते हो जाती है लेकिन जिन क्षेत्रों में बिजली चोरी नहीं होती तथा लाइन लॉस लगभग जीरो है, उनको महंगा कच्चा माल मिलने के करण वह फैक्ट्रियां प्रतिस्पर्धा से बाहर हो रही हैं और परिणाम स्वरुप बंदी की कगार पर हैं।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि ऊर्जा मंत्री तथा मुख्यमंत्री से मांग की जाती है कि उच्च स्तरीय समिति बनाकर रुड़की लंढोरा सर्कल तथा काशीपुर सर्कल की स्टील फैक्ट्रियों की जांच की जाए तो आपको लगभग 10-12 फैक्ट्री में ही बड़े पैमाने पर बिजली चोरी होते ही मिलेगी। ईष्टवाल ने कहा कि बाकायदा उच्च स्तरीय अधिकारियों की समिति जांच करें कि यहां पर कितनी लोहे की भट्ठियों का बिजली बिल जमा किया जाता है तथा परिसर में कितनी भट्टियां लगी हुई हैं। इसके साथ ही काशीपुर में भी लाइन लॉस लगभग 70 प्रतिशत तक है। यहां पर भी बड़ी फैक्ट्रियों के अंदर भी जाकर बाकायदा यह जांच की जाए कि यहां पर कितनी बिजली की भट्ठियों का बिल जमा किया जाता है तथा हकीकत में कितनी भट्टियां लगी हुई हैं तो साफ हो जाएगा कि इन क्षेत्रों में बिजली की लाइन लॉस के लिए उपरोक्त फैक्ट्रियां सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं । यदि इन फैक्ट्री में बिजली चोरी पाई जाती है तो इन सर्कल के विद्युत अधिकारियों तथा इन फैक्ट्री मालिकों,मैनेजरों सबके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। और इस पूरे मामले को आगे की कार्यवाही के लिए ईडी तथा सीबीआई को सौंप दिया जाए।