इन 6 कारणों से आपको इनकम टैक्स रिफंड मिलने में होती है देर
अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें इनकम टैक्स रिफंड समय से नहीं मिलता। इनकम टैक्स समय से जमा करने पर ही रिफंड समय से मिलने की उम्मीद की जा सकती है। मगर, देखने में आता है कि कई बार समय से रिटर्न फाइल करने पर भी रिफंड समय पर नहीं होता। इसके पीछे कई कारण होते हैं। जिनके कारण कई बार समय से रिटर्न फाइल के बाद भी हमें निराश होना पड़ता है। टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब हम सही तरीके से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते, सही कागजात नहीं लगाते। तब रिफंड में देरी होती है। लिहाजा टैक्स रिटर्न भरते समय हर तरह के नियम-कायदे से हमें जागरूक रहना चाहिए। हम यहां बता रहे हैं छह प्रमुख कारण, जिनकी वजह से इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी होती है।
1-देरी से रिटर्न फाइल करनाः अक्सर देखने में आता है कि लोग आखिर में टैक्स रिटर्न जमा करते हैं। जाहिर सी बात है कि जब आप देरी से जमा करेंगे तो फिर समय से रिफंड पाने की उम्मीद भी कैसे कर सकते हैं। लिहाजा समय से
रिटर्न फाइल करने पर ही समय से रिफंड हासिल किया जा सकता है।
2-गलत डेटाः जब आप टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हों तो इस बात का ध्यान रखें कि आंकड़े सही हों। अगर डेटा में अशुद्धियां रहेंगी तो आपको फिर से इनकम टैक्स रिटर्न करना पड़ेगा। इससे आपका कीमती समय भी बर्बाद होगा। इस नाते रिटर्न दाखिल करते समय सभी सूचनाएं सही हों, इसका भलीभांति ख्याल रखें।
3-टीडीएस का मैच न होनाः अगर आप अपने रिकॉर्ड्स और फॉर्म 16 के आधार पर रिफंड भरते हैं और आपके नियोक्ता( इम्प्लॉयर) की ओर से टीडीएस की सही सूचना नहीं दी जाती। तब टीडीएस मिसमैच होने की स्थिति में भी रिफंड में देरी होती है। इस नाते पहले से टीडीएस से जुड़ी जानकारी चेक कर लें।
4-पेपर फाइलिंगः अगर आप पेपर फाइलिंग कटेगरी में आते हैं यानी आप वरिष्ठ नागरिक हैं या फिर आपकी पांच लाख रुपये से कम वार्षिक आय है, तब आप पेपर फाइलिंग का सहारा लेते हैं। इस पर भी टैक्स रिफंड देरी से होने की आशंका होती है।
5-आईटीआर में देरीः आईटीआर वी फॉर्म की प्रक्रिया पूरी होने में देरी पर भी रिफंड की प्रक्रिया में देरी होती है। इस नाते इसे समय से करें।
6-फॉर्म अधूरा भरनाः टैक्स रिटर्न फाइल करते समय लोग अन्य जरूरी सूचनाएं नहीं भरते।मसलन फॉर्म 10 ई, 10 बीए, फॉर्म 67 से जुड़ी सूचनाएं भी जरूरत के हिसा ब से भरनी जरूरी हैं। फॉरेन टैक्स रिलीफ के लिए फॉर्म 67 भरना जरूरी है। अगर 50 लाख से ऊपर की टैक्स लायक आय है तो आपको रिटर्न भरते समय अपनी संपत्तियों की जानकारी देनी होगी।