धर्मनगरी में शराब की बिक्री का किसान यूनियन करेगी विरोधः सुखदेव विर्क
हरिद्वार। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के मातृ सदन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन दिवस के अवसर पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह विर्क ने कहा कि धर्मनगरी में शराब की बिक्री हो रही है। जिसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने सरकार से शीघ्र जनपद हरिद्वार में शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। रविवार को किसान यूनियन के समापन दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह विर्क ने कहा कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश में हरिद्वार को धर्मनगरी के नाम से जाना जाता है, लेकिन हरिद्वार जनपद में ही सबसे अधिक शराब की दुकानें हैं। जो कि धर्मनगरी जैसे पवित्र नाम को खराब कर रही है। यदि सरकार इस पर शीघ्र निर्णय नहीं लेती है तो किसान यूनियन वृहद आंदोलन करने को बाध्य होगा।
गुरूकुल महाविद्यालय पर कब्जा किए जाने के मुद्दे को लेकर कहा कि यदि महाविद्यालय की भूमि पर किसी ने भी कब्जा करने का प्रयास किया तो पूरा उत्तराखंड में आंदोलन चलाया जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षक, मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि जिले में जिन-जिन स्थानों पर अवैध खनन चल रहा है, वह पूर्ण रूप से बंद होना चाहिए। इसके अलावा जितने स्टोन क्रेशर लगाए गए हैं, वह भी बंद होने चाहिए। कहा कि जिले में नदियों के साथ-साथ खेतों में भी प्रशासन की अनुमति से खेतों में गड्ढ़े खोदकर खनन किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन किसी के खेतों में गड्ढ़ों को खोदने की अनुमति देने वाला कौन होता है। कहा कि उत्तराखंड गठन के दौरान जनपद हरिद्वार और उद्यमसिंहनगर को प्लेन एरिया है, यह पर्वतीय क्षेत्र में न जाए। इस बात पर किसानों ने भी बहुत विवाद किया था, लेकिन उस समय सरकार ने कहा कि हरिद्वार और उद्यमसिंहनगर को नहीं लेंगे तो हम भूखे मरेंगे। अब सरकार अन्न की भूमि को नष्ट करके खनन भूमि बनाने पर लगे हुए हैं। हरिद्वार बहुत छोटी नगरी है, यहां सिडकुल, भेल और पंतजलि अपना व्यवसायिक संस्थान चला रहे है। जब इतने संस्थान चल रहे हैं तो खनन की क्या आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि जिले में प्रशासन की ओर से खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो किसान यूनियन आंदोलन करने को बाध्य होगा। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली ने कहा कि किसानों को फसलों का सही दाम न मिलने से किसान दुखी हैं तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद अब किसान एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार की बाट जोह रहा है सरकार ने देश के किसानों के साथ वादाखिलाफी की है जब तीनों कृषि कानून रद्द किए गए थे, तब सरकार ने किसानों से वादा किया था कि एमएसपी पर भी कानून बनाया जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विनोद कश्यप, राष्ट्रीय सलाहकार रईस अहमद, प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, गुड्डू मिश्रा, डॉ विजेंद्र चैहान, नरेश कश्यप, पूनम पाल, अमित, स्वामी बालक दास, मोहम्मद अकील, परवेज अली, मुन्नी, जोगिंदर, मणि त्रिपाठी, गणेश त्रिपाठी, असलम अली, मुकेश कुमार, विकास चैहान, साध्वी पद्मावती, ब्रह्मचारी दयानंद, ब्रह्मचारी सुधानंद सहित बड़ी संख्या में किसान कार्यकर्ता मौजूद रहे।