नई दिल्ली। अरुण जेटली द्वारा नई सरकार की कैबिनेट में शामिल न होने की इच्छा सार्वजनिक करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर मुलाकात की। अटकलें है कि मोदी ने अरुण जेटली को सरकार का हिस्सा बने रहने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री का पूरा प्रयास है कि अरुण जेटली जैसे अनुभवी नेता उनकी कैबिनेट में बने रहें। मालूम हो कि भाजपा नेता और मौजूदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ कई मंत्री भी शपथ लेंगे। इस बार पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली शपथ लेते हुए नहीं दिखेंगे और न ही निकट भविष्य में सरकार का हिस्सा होंगे। अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि वे उनकी नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं ले पाएंगे। उन्हें स्वस्थ होने के लिए अभी और समय की जरूरत है। इस संबंध में उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट कर सभी को सूचित भी किया है। इससे पहले अरुण जेटली के कैबिनेट में शामिल होने को लेकर कई तरह की कयासबाजी लगाई जा रही थी।

जेटली ने प्रधानमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है, पिछले पांच साल से आपके नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा होना मेरे लिए सम्मान के साथ-साथ सीखने का एक अवसर भी था। इससे पहले भी एनडीए की पहली सरकार के दौरान भी मुझे जिम्मेदारियां निभाने का अवसर मिला। पार्टी संगठन में और विपक्ष में रहते हुए भी मैंने बहुत कुछ सीखा। सीखने की मेरी भूख अभी मरी नहीं है। पिछले आठ महीनों के दौरान मैं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से घिरा रहा हूं। मेरे डॉक्टर मुझे इन समस्याओं से बाहर निकालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। जब चुनाव प्रचार खत्म हुआ और आप केदारनाथ की ओर जा रहे थे, उस वक्त भी मैंने आपसे बात की थी। फिलहाल मैं किसी तरह की जिम्मेदारियों से दूर रहना चाहता हूं, ताकि अपने इलाज और सेहत पर ध्यान दे सकूं। आपके नेतृत्व में भाजपा और एनडीए ने शानदार और सुरक्षित जीत दर्ज की। कल नई सरकार शपथ लेगी। मैं औपचारिक रूप से आपसे यह निवेदन करने के लिए यह चिट्ठी लिख रहा हूं कि मुझे मेरे लिए, मेरे इलाज के लिए और स्वस्थ होने के लिए उचित देखभाल की जरूरत है। इसलिए फिलहाल मैं नई सरकार में किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता। सरकार के समर्थन में अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए अनौपचारिक तौर पर जब भी जरूरत होगी मैं तैयार रहूंगा। बता दें कि अरुण जेटली हाल ही में अमेरिका से इलाज कराकर लौट थे। इलाज कराने के लिए चार सप्ताह तक वह अमेरिका में ही रहे। इलाज कराने के लिए विदेश में होने के कारण जेटली नरेंद्र मोदी सरकार का छठा और अंतिम बजट पेश नहीं कर सके। उनकी अनुपस्थिति में रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।