धीरेंद्र प्रताप ने कोरोना की मार झेल रहे कलाकारों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग उठाई
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने प्रसिद्ध लोकगायक हीरा सिंह राणा की मौत को भारी आर्थिक बदहाली में हुई मौत का प्रतीक बताते हुए राज्य सरकार का ध्यान उत्तराखंड के उत्तराखंड और दिल्ली और देश के अन्य भागों में रह रहे कलाकारों की और संगीतकारों गीत कारों की भारी खराब माली हालत की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल राज्य सरकार की ओर से कलाकारों को बचाने के उद्देश्य से एक बड़ा आर्थिक पैकेज घोषित किए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने यह मांग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी की है क्योंकि बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी जो गीत संगीत काव्य और साहित्य से जुड़े हैं प्रवासी हैं और कोरोना की वजह से भारी आर्थिक गर्दिश में फंस गए हंै।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि यह बात कलाकारों तक ही सीमित नहीं है, पत्रकार जो रात दिन जनता की सेवा कर रहे हैं, जनता के सवाल उठा रहे हैं उनकी भी तनख्वाह काट दी गई हैं और आज उनके लिए भी परिवार का भरण पोषण मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने कहा यह लोकतंत्र के चैथे पाए हैं और उनकी भी सरकार को गंभीरता से मदद करनी चाहिए। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कुछ अखबारों ने तो पत्रकारों की नौकरी से ही छंटनी कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार अखबार मालिकों की भी सहायता करें और उनकी सहायता करके ऐसा रास्ता बनाए जिससे अखबार भी अपना रोल अदा करते रहें और पत्रकारों को भी अपनी नौकरी का जोखिम ना उठाना पड़े। धीरेन्द्र प्रताप ने कहा है कि उत्तराखंड के जमीनी सरोकारों से जुड़े हीरा सिंह राणा के निधन से तमाम उत्तराखंयियों में शोक की लहर है। उत्तराखंड के तमाम जिलों को छोड़कर भी दिल्ली मुंबई और देश के कोने कोने से उनके निधन पर लोगों की दुखद प्रतिक्रियाएं सामने आई है। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप जो कल दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनकी अंत्येष्टि में शामिल होने गए थे उन्होंने दुख जताया कि कोरोना के इस भीषण काल में जिस तरह से चंद लोगों के बीच में इस लाखों लोगों के लोकप्रिय सितारे की अंत्येष्टि हुई यह वर्तमान कोरोना काल की महान त्रासदी है। धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की कि स्वर्गीय हीरा सिंह राणा के एकमात्र पुत्र हिमांशु राणा को तुरंत कोई रोजगार में लगाए या सरकारी नौकरी दें जिससे कि वह अपनी और अपनी माताजी का भरण पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि हीरा सिंह राणा महान गायक जरूर थे लेकिन उन्होंने पूरा जीवन मुफलिसी में गुजारा और अब जरूरत इस बात की है कि उनके बेटे और उनकी विधवा को सरकार तत्काल पुनर्वास प्रदान करें चाहे वह उनको रोजगार दे चाहे वह आर्थिक सहायता देकर उनकी आगे रोजी-रोटी की व्यवस्था करें। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि हीरा सिंह राणा काफी लंबे समय तक बीमार रहे लेकिन ना तो दिल्ली की सरकार ने और ना ही उत्तराखंड की सरकार ने उनकी 1 रु की भी सहायता की।
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