National

कॉरिडोर बनने के बाद दिल्ली से मेरठ तक का सफर 60 मिनट में हो सकेगा पूरा

गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के पिलर का निर्माण कार्य सोमवार को गुलधर से दुहाई के बीच शुरू हो गया। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह ने निर्माण कार्य की शुरुआत कराई। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में गाजियाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके बाद अन्य चरणों में बाकी काम को पूरा किया जाएगा। 2023 तक इस कॉरिडोर पर रैपिड रेल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। दिल्ली और मेरठ में बाद में रैपिड रेल का संचालन शुरू होगा। दिल्ली से मेरठ तक बनने वाला यह देश का पहला रैपिड रेल कॉरिडोर है। इसकी लंबाई 82.15 किमी है। पूरा कॉरिडोर बनने के बाद दिल्ली से मेरठ तक का सफर 60 मिनट में पूरा हो सकेगा।

मेट्रो लाइन के ऊपर से बनाया जाएगा कॉरिडोर, सराय काले खां से होगा शुरू  दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की ऊंचाई मेरठ तिराहे पर सबसे ज्यादा होगी। यहां मेट्रो की रेड लाइन के ऊपर से रैपिड रेल का कॉरिडोर बनाया जाएगा। मेरठ तिराहे पर स्काई वॉक बनाकर इसे शहीद स्थल न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएग। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि रैपिड रेल कॉरिडोर दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होगा। यहां से खिचड़ीपुर तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। खिचड़ीपुर से साहिबाबाद में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) तक जमीन के 20 मीटर नीचे कॉरिडोर बनाया जाएगा। साहिबाबाद की सीमा में मदन मोहन मालवीय मार्ग के बायीं तरफ किनारे नाला पड़ रहा है। करीब 1.1 किलोमीटर तक नाले के नीचे रैपिड रेल की पटरियां बिछाई जाएंगी। बीईएल से आगे कॉरिडोर फिर से एलिवेटेड हो जाएगा। फिर ग्रीन बेल्ट के ऊपर कॉरिडोर जाएगा।

मेरठ तिराहे पर सबसे ज्यादा होगी रैपिड रेल कॉरिडोर की ऊंचाई  साहिबाबाद बस डिपो के डीजल पंप ती तरफ रैपिड रेल का साहिबाबाद स्टेशन बनेगा। इसी मार्ग पर मोहननगर फ्लाईओवर और रेलवे लाइन से पहले कॉरिडोर टर्न कर वसुंधरा सेक्टर-2 के किनारे रेलवे लाइन के सहारे बनाया जाएगा। फिर एलिवेटेड रोड के नीचे से होते हुए कॉरिडोर हिंडन नदी को पार करेगा। सिद्धार्थ विहार में रेलवे लाइन के ऊपर से होते ईको पार्क के बीच से कॉरिडोर जाएगा। यहां से कॉरिडोर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी। ताकि, न्यू लिंक रोड और मेरठ तिराहे के पास मेट्रो कॉरिडोर के ऊपर से उसे बनाया जा सके। मेरठ तिराहे पर हिंडन मोटल की जगह गाजियाबाद स्टेशन बनाया जाएगा। यहां से मेरठ रोड के बीचोंबीच एलिवेटेड कॉरिडोर मेरठ के मोदीपुरम तक बनेगा। मरेठ रोड पर राजनगर एक्सटेंशन चौराहे से आगे मौजूदा यू-टर्न के पास से संत निरंकारी भवन से पहले तक गुलधर स्टेशन बनेगा। डिजलिंग लैंड-बीबीडीआइटी के बीच दुहाई स्टेशन बनेगा। गंगनहर से पहले सिंचाई विभाग के दफ्तार के सामने मुरादनगर स्टेशन बनेगा। इसके आगे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्स्प्रेस-वे को क्रॉस करने के बाद सिखेड़ा रोड के पास मोदीनगर साउथ और राजचौपला से करीब 700 मीटर आगे मोदीनगर नॉर्थ स्टेशन बनेगा। हर स्टेशन पर चार रास्ते उतरने-चढ़ने के लिए मिलेंगे। अधिकारियों ने बताया कि नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो फेज-तीन की लाइन बनने के बाद साहिबाबाद रैपिड रेल स्टेशन को मेट्रो के वसुंधरा सेक्टर-2 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

दुहाई में दो स्टेशन  दुहाई और मोदीपुरम में कॉरिडोर पर बनने वाले मुख्य स्टेशन के साथ डिपो में सरफेस स्टेशन बनाए जाएंगे। डिपो कॉरिडोर से करीब एक किलोमीटर अंदर होगा। उसके आसपास रहने वाली आबादी को लाभ देने के लिए ऐसा किया जाएगा।

तीन बड़े फायदे

  • 7.40 लाख यात्री करेंगे सफर
  • 60 मिनट में मेरठ से दिल्ली
  • गाजियाबाद से 25 मिनट में आइजीआइ एयरपोर्ट
  • घटेगा 21.35 लाख टन प्रदूषण
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग 37 से बढ़ कर 63 फीसद हो जाएगा

ये खूबियां भी होंगी

  •  वेदर प्रूफ होगी रेल
  • रेल कोच स्मार्ट होंगे
  • ब्रेक घिसने, एक्सेल के टेंप्रेचर और पहियों की जानकारी ऑटोमेटिक कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी
  • बिजनेस क्लास कोच होगा
  • महिलाओं के लिए अलग कोच होगा
  • प्लेटफार्म पर स्क्रीन डोर लगेंगे
  • प्रत्येक स्टेशन की 1.5 किमी परिधि रैपिड रेल प्रभावित क्षेत्र घोषित
  • दिल्ली-मेरठ रोड से 200 मीटर दूरी पर बनेगी स्टेशन की एप्रोच रोड और पार्किंग ताकि जाम न लगे

प्रस्तावित स्टेशन

दिल्ली : सराय कालेखां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार

गाजियाबाद : साहिबाबाद, गाजियाबाद (मेरठ तिराहा), गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ

मेरठ : मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल, मोदीपुरम

मेरठ मेट्रो के स्टेशन   मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली और मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम

प्रोजेक्ट से जुड़े अहम तथ्य

  • लागत 31632 करोड़ रुपये
  • स्टेशनों के बीच पांच से दस किलोमीटर का फासला
  • 2024 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य
  • वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग से 2054 तक लागत वसूली जाएगी
  • अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर होगी, न्यूनतम गति 100 किलोमीटर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button