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कांग्रेस का मध्यप्रदेश में उत्तराखंड का नमूना दोहराने का षड्यंत्र: भसीन
देहरादून। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने की जो स्थिति आ गई है कांग्रेस, उत्तराखंड के समान विधानसभा अध्यक्ष की आड़ में सरकार बचाने का प्रयास कर रही है। लेकिन कांग्रेस इस षड्यंत्र में सफल नहीं होगी। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन ने यहाँ कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में जो बड़ा विद्रोह हुआ है उससे वहाँ कमल नाथ सरकार साफ तौर पर अल्पमत में आ गई है और गिरने की स्थिति में है। लेकिन कांग्रेस अल्प मत में आने के बाद भी येन केन प्रकारेण सरकार बचाने के लिए पैंतरेबाजी में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश में जो पैंतरे खेल रहे है उनमें एक उत्तराखंड नमूना है जिसमें विधान सभा अध्यक्ष के अधिकारों की आड़ में किया जाने वाला षड्यंत्र है। डॉ भसीन ने याद दिलाया कि उत्तराखंड विधान सभा में सदन में मत विभाजन के समय सरकार गर गई थी और विधानसभा अध्यक्ष बिना कोई निर्णय सुनाए सदन से चले गए। उसके बाद न उन्होंने सी सी टी वी कैमरे की रिकार्डिंग देखी और न विपक्ष की सुनी। राज्यपाल के सामने विपक्ष व हरीश रावत सरकार विरोधी कांग्रेस विधायकों ने परेड की। राज्यपाल ने बहुमत सिद्ध करने के लिए आश्चर्यजनक ढंग से दस दिन का समय दे दिया। तत्कालीन कांग्रेस मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने असंतुष्ट विधायकों को ललचाने की भी कोशिश की। इस मध्य विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस छोड़ने वाले सदस्यों की विचित्र तरीके से सदस्यता ही समाप्त कर दी जिससे सदन का गणित बदल गया व हरीश रावत सरकार बच गई। उन्होंने कहा कि बाद में सदस्यता से हटाए गए विधायकों ने न्यायालय में याचिका भी दायर की पर उस पर सुनवाई सुनवाई होते होते सरकार का कार्यकाल ही पूरा हो गया। उस समय श्री रावत द्वारा अपने ही नाराज विधायकों को कथित रूप से खरीदने के मामला जिसकी जाँच सीबीआई ने की आज तक उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। डॉ भसीन ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष के साथ मिली भगत कर कोई खेल खेल रही प्रतीत होती है। कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बचाने के लिए जो भेजा है उसकी पृष्ठ भूमि उत्तराखंड प्रकरण है, लेकिन इस बार कांग्रेस को सफलता नहीं मिलेगी।