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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर कॉलेज देखो ने कैंपेन शुरु किया

देहरादून। भारत में उच्च शिक्षा में छात्रों की सहायता के लिए सबसे बड़े प्लेटफॉर्म, कॉलेजदेखो ने एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की है जिसका उद्देश्य विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर भारत में छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना है। 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर के बीच सात दिनों तक चलने वाले कैंपेन के तहत, कंपनी ने छात्रों और उनके अभिभावकों को मानसिक परेशानी से निपटने में सहायता के लिए सुसाइड प्रिवेंशन इंडिया फाउंडेशन  का सहयोग लिया है।
हाल ही में यूनिसेफ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस बात को उजागर किया गया है, कि 15-24 साल के बीच के 7 में से 1 भारतीय डिप्रेशन महसूस करता है या मानसिक सेहत से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित है। ज्यादातर छात्रों को मानसिक तनाव शैक्षणिक, यानी पढ़ाई-लिखाई के दबाव के चलते होता है। इसे देखते हुए, कॉलेज देखो ने सुसाइड प्रिवेंशन इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर लोगों की मानसिक सेहत एवं भलाई के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जहां प्रशिक्षित मेडिकल काउंसलर उनकी सहायता के लिए उपलब्ध होंगे। छात्रों और अभिभावकों हेतु 7 दिनों के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन की सुविधा उपलब्ध होगी, जो प्रशिक्षित मेडिकल काउंसलर द्वारा 24ग्7 मुफ्त परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराएगा, जहां छात्र अपना नाम गुप्त रखते हुए या सार्वजनिक तौर पर अपनी कहानियों को साझा कर पाएंगे। पेशेवर विशेषज्ञों, मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान को दूर करने का प्रयास किया जाएगा, साथ ही वे तनाव को दूर करने में उनका मार्गदर्शन भी करेंगे। छात्र कॉलेजदेखो की वेबसाइट पर उपलब्ध सेल्फ-हेल्प टूल किट और सरकारी सहायता प्राप्त अस्पतालों के संपर्क विवरण भी प्राप्त कर सकते हैं, जो पूरे भारत में निशुल्क परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।
इस मौके पर श्ररुचिर अरोड़ा, संस्थापक एवं सीईओ कॉलेजदेखो, ने कहा, “स्थापना के बाद से ही, कॉलेजदेखो छात्रों को अपने पसंदीदा कोर्स या कॉलेज की उनकी खोज मदद करने से लेकर लोन से लेकर इंश्योरेंस तक, और हॉस्टल आवास के ढेर सारे विकल्प चुनने तक के पूरे शैक्षणिक सफर में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। हमें छात्रों के उस तनाव का अनुभव है जो उन्हें अकादमिक और सामाजिक विषयों पर हर दिन खेलना पड़ता है। हमें पूरी उम्मीद है कि पहल से उन्हें अपने मानसिक तनाव और डर को व्यक्त करने में मदद मिलेगी। मैं मानता हूँ कि हमें सिर्फ छात्रों की पढ़ाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय, युवाओं को सशक्त बनाने तथा उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। कॉलेजदेखो ऐसे सभी रास्तों की तलाश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो छात्रों को अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित हो सकते हैं।”

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