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चंड़ीगढ़ के एक पांच सितारा होटल ने अभिनेता राहुल बोस से दो केलों के वसूले 442.50 रुपये, केले का हर रंग बताता है कि कौन सा केला है आपके लिए फायदेमंद

नई दिल्ली। केला इन दिनों सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले बॉलीवुड सितारे राहुल बोस ने एक ट्वीट करके इसे चर्चा का विषय बना दिया। बात इसकी खूबियों की नहीं थी। चंड़ीगढ़ के एक पांच सितारा होटल ने अभिनेता राहुल बोस से जिन दो केलों के 442.50 रुपये वसूले थे, वे टैक्स फ्री थे। होटल ने उनसे अवैध रूप से टैक्स वसूलते हुए भारी-भरकम बिल बनाया था। डीसी के आदेश पर जांच के बाद एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने होटल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। आरोप है कि केलों पर अवैध रूप से टैक्स वसूला गया है। हालांकि होटल को इसका हर्जाना भी देना पड़ा, लेकिन केले की चर्चा यहीं नहीं थमी।

अब खबर आई है ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप से। यहां के मशहूर स्पोर्ट्स डाइटीशियन र्यान पिंटो ने केले के गुणों पर एक रिपोर्ट जारी करके बताया है कि यह बहुत गुणकारी फल है, लेकिन इसका सेवन इसके बदलते रंगों के आधार पर करके ज्यादा पौष्टिकता हासिल की जा सकती है। यह अध्ययन इन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज हाई परफार्मेंस न्यूट्रिशन एयू पेज (एचपीएन ऑस्ट्रेलिया) पर डाला है।

हरा केला  इसके स्वाद पर मत जाइए, सबसे गुणकारी केले का यही रूप होता है। चूंकि इस स्तर पर शुगर सबसे कम होती है, लिहाजा यह बेस्वाद लगता है। इसके प्रतिरोधी स्टार्च इंसान के पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

पीला केला   स्पोट्र्स डाइटीशियन र्यान के अनुसार यह मुलायम और ज्यादा मीठा होता है। इसमें शुगर ज्यादा होती है फिर भी सुपाच्य होता है। तोड़ने के लिए कम स्टार्च होता है लिहाजा पाचन प्रणाली इसके पोषक तत्वों को शीघ्र अवशोषित कर लेती है।

चित्तीदार केला  भूरे रंग के धब्बे सिर्फ केले की आयु ही नहीं बताते हैं बल्कि ये भी संकेत देते हैं कि इसका अधिकांश स्टार्च शुगर में बदल चुका है। किसी केले पर जितने भूरे धब्बे होंगे उसमें उतनी ही शुगर होगी। हालांकि ये भूरे धब्बे थोड़ी मात्रा में ही सही, लेकिन प्रतिरोधी प्रणाली के दुरुस्त करने में सहायक होते हैं। चित्तीदार केले में इतना अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं कि कई शोधों में इसे कैंसर से लड़ने में सहायक माना गया है। ट्यूमर को खत्म करने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर का इन भूरे धब्बों से संबंध होता है।

भूरे केले  हरे केले का सारा प्रतिरोधी स्टार्च भूरे केले तक शुगर में तब्दील हो जाता है। समय दर समय क्लोरोफिल में होने वाले इस बदलाव के चलते केले का एंटीऑक्सीडेंट गुण बढ़ता जाता है।

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