प्रसव के बाद शुरूआती एक घंटे में स्तनपान कराना बच्चे के लिए अमृत समान: डा. सुजाता संजय
देहरादून। लायन्स क्लब देहरादून ग्रेटर द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) को लेकर स्तनपान कार्यक्रम का आयोजन चैरा गांव में किया गया। जिसमें 20 लायन्स क्लब देहरादून गे्रटर देहरादून की महिलाओं ने भाग लिया। इस कर्यक्रम में संजय मैटरनिटी सेंटर जाखन, देहरादून की राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित स्त्री एवं प्रसूति रोग विषेषज्ञ डाॅ0 सुजाता संजय ने आयी हुई सभी महिलाओं को स्तनपान के बारे में जागरूक व्याख्यान दिया और स्तनपान के महत्व को बताया। डाॅ. सुजाता संजय ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्तनपान की महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने एवं शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दी। डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं। यह न सिर्फ शिशु के सर्वांगींण विकास के लिए जरूरी है, बल्कि इससे मां को भी मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य लाभ होता है। जन्म के शुरूआती एक घंटे में शिशु के लिए मां का दूध अत्यन्त जरूरी है। इससे पूरी दूनिया में लगभग आठ हजार जिन्दगियां बचती हैं। बावजूद इसके स्तनपान को लेकर अभी भी लोगों में काफी भ्रातियां फैली हुई है। आज भी लोगों में स्तनपान की जरूरतों के प्रति जागरूकता की कमी है।
डाॅ0 सुजाता संजय ने आयी हुई लायन्स क्लब महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में बताया कि मातृत्व स्त्री के जीवन की संपूर्णता एवं सार्थकता समझी जाती है। मां का दूध, जिसमें बच्चे को पोषण मिलता है, उसकी बीमारियों से रक्षा होती है। शिशु के लिए माँ का दूध अमृत के समान होता है। माँ के दूध से शिशु कुपोषण के साथ-साथ रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। पहले छः महीने तक बच्चों को केवल स्तनपान पर ही निर्भर रखना चाहिए। सुपाच्य होने के कारण माँ के दूध से शिशु के जीवन के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं स्तनपान सिर्फ आपके शिशु के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी फायदेमंद है।
डाॅ0 सुजाता ने बताया स्तनपान केवल माता का ही दायित्व नहीं है, बल्कि उसके लिए सकारात्मक माहौल बनाने में साथी, परिवार, कार्यस्थल और अन्य सहयोगी जनों की भी भूमिका है। देश में 50 प्रतिशत से अधिक कामकाजी महिलाओं का मानना है कि उनके कार्यालयों में उन्हें अपने बच्चों को स्तनपार करवाने की उचित सुविधा उपलब्ध नहीं है। कामकाजी महिलाओं को स्तनपान करवाने के लिए संस्था के तरफ से छूट होनी चाहिए ताकि वह बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सके। डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि माँ का दूध, आपके शिशु के लिए परिपूर्ण आहार है। माँ का दूध सुपाच्य होता है जिससे यह शिशु को पेट सम्बन्धी गड़बड़ियों से बचाता है। स्तनपान शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। स्तनपान से दमा और कान सम्बन्धी बीमारियाँ नियंत्रित रहती हैं, क्योंकि माँ का दूध शिशु की नाक और गले में प्रतिरोधी त्वचा बना देता है। स्तनपान से जीवन के बाद के चरणों में उदर व श्वसन तंत्र के रोग, रक्त कैंसर, मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है। लायन्स क्लब देहरादून ग्रेटर देहरादून की अध्यक्ष लायन्स जीज्ञासा अग्रवाल ने डाॅ. सुजाता संजय का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाऐं जितना अपनी डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करेंगी, उतना ही आपके बच्चे को दूध के जरिए न्यूट्रिएंट्स प्राप्त होगा और कहा कि यदि महिलाऐं अपने बच्चे की सेहत को अच्छा बनना चाहती हैे, तो आप अपनी डाइट में हल्दी को अधिक शामिल करें। हल्दी के सेवन से स्तनपान कराने वाली महिलाओं को फायदा होता है।