भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को यहां कहा कि भारत 2021 में चांद पर भेजेगा मानव
भुवनेश्वर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को यह कहा कि भारत 2021 में चांद पर मानव भेजेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसरो 2020 तक दूसरे चंद्रयान मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के 98 लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया है। इसरो प्रमुख यहां आइआइटी के दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गगनयान से भारत पहली बार चांद पर मानव भेजेगा इसरो प्रमुख ने कहा कि अगले साल के अंत तक भारत का गगनयान कार्यक्रम शुरू होने वाला है। इस अभियान की सफलता पर हम सभी अभी से विशेष ध्यान दे रहे हैं। गगनयान से भारत पहली बार चांद पर मानव भेजेगा। इससे पूर्व भुवनेश्र्वर हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को 98 प्रतिशत सफलता मिली है। सिवन ने कहा कि हम दो कारणों से कह रहे हैं कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसद लक्ष्य हासिल कर लिया है। पहला कारण विज्ञान और दूसरा प्रौद्योगिकी प्रमाण (टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन)। जहां तक प्रौद्योगिकी प्रमाण के मोर्चे की बात है तो इसमें लगभग पूरी तरह सफलता हासिल की गई है। इसरो प्रमुख ने कहा कि लैंडर विक्रम से अभी तक संपर्क नहीं हो सका है। उसमें कहां गलती हुई, उस संदर्भ में अनुसंधान चल रहा है। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से अंतिम क्षण तक संपर्क करने की कोशिश जारी है, लेकिन अबतक सफलता नहीं मिल पाई है। बता दें कि चंद्रमा पर रात हो गई है। लैंडर विक्रम की बैटरी को चार्ज करने के लिए अब सूरज की रोशनी नहीं मिलेगी। लैंडर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करना था। शनिवार को तड़के यह समय खत्म हो गया।
साढ़े सात वर्षों तक काम करेगा ऑर्बिटर सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के लिए शुरू में एक वर्ष की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब संभावना है कि वह साढ़े सात वषरें अहम जानकारियां देता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘ऑर्बिटर तय विज्ञान प्रयोग पूरी संतुष्टि के साथ कर रहा है। ऑर्बिटर में आठ वैज्ञानिक उपकरण हैं और सभी उपकरण अपना काम ठीक तरीके से कर रहे हैं।’