पीएम मोदी ने अंबेडकर स्मारक का किया उद्घाटन, बोले- भ्रम फैलाती है कांग्रेस
नई दिल्ली । बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री मोदी ने राजधानी दिल्ली में डॉ. अंबेडकर नेशनल मेमोरियल का उद्घाटन किया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली मेट्रो की यात्रा की। स्मारक की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने ही 21 मार्च 2016 को रखी थी। दो साल में इसका निर्माण पूरा कर लिया गया। पीएम मोदी ने बाबा साहब की याद में निर्मित स्मारक को देश को समर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहब की याद में बना यह स्मारक उन्हें देश की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि है। उन्होंन कहा कि करोड़ों देशवासियों को आज डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के रूप में एक अनमोल उपहार मिला है, इसके लिए सभी को बहुत-बहुत बधाई। पीएम ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद बहुत सरकारें आईं लेकिन जो कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था वह काम दशकों के बाद आज हो रहा है। पीएम ने यह भी कहा कि यह इमारत दिव्य भी है और भव्य भी है। 1992 में 15 जनपथ पर बने अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का विचार सामने आया था। 22 साल तक इसकी भी फाइल कहीं दबी रह गई। अप्रैल 2015 में मैंने इस सेंटर का शिलान्यास किया और कुछ महीने पहले ही दिसंबर में इसका लोकार्पण भी किया।
-ये हमारी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है की बाबा साहेब से जुड़े 5 स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का मौका हमें मिला है: पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन से मेट्रो में सवार हुए। मेट्रो के अंदर लोग पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेते दिखे। मेट्रो में सफर के दौरान यात्रियों ने पीएम मोदी से बात भी की। पीएम मेट्रो से 26, अलीपुर रोड पहुंचे और वहां डॉ. अंबेडकर नेशनल मेमोरियल’ का उद्घाटन किय। यह स्मारक दिल्ली में 26 अलीपुर रोड पर बनाया गया है। बता दें कि केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने के बाद डॉ. अंबेडकर दिल्ली विधानसभा के नजदीक सिरोही के महाराज के इस घर में रहने लगे थे। जहां 6 दिसंबर 1956 को वह महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2 दिसंबर 2003 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। करीब 200 करोड़ की लागत में बने इस स्मारक को पुस्तक का आकार दिया गया है, जो संविधान का प्रतीक है। इस इमारत में एक प्रदर्शनी स्थल, बुद्ध की प्रतिमा के साथ ध्यान केंद्र व डॉ. अंबेडकर की 12 फुट ऊंची प्रतिमा है।
प्रवेश द्वार पर 11 मीटर का अशोक स्तंभ भी है। यह इमारत पर्यावरण हितैषी है। इसमें सीवेज शोधन संयंत्र, वर्षा जल सिंचाई प्रणाली व सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित है। संग्रहालय में मल्टी मीडिया तकनीक के माध्यम से अंबेडकर के जीवन और आधुनिक भारत को उनके योगदान की जानकारी मिलेगी। इस बारे में केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री दलितों को वोट बैंक नहीं समझते और चार साल के भीतर बाबा साहेब के नाम पर पांच तीर्थस्थल बना दिए। भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश में महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था और वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। वह 1 नवम्बर 1951 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद , 26, अलीपुर रोड दिल्ली में सिरोही के महाराजा के घर में रहने लगे जहां उन्होंने 6 दिसम्बर 1956 को आखिरी सांस ली और महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। यहीं पर स्मारक बना है।