आर्म्स एक्ट को कड़ा बनाने जा रही केंद्र सरकार,अवैध हथियार रखने वालों पर लग सकता है मकोका
नई दिल्ली । भारत में सीमा पार से अवैध हथियारों का लाया जाना रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आर्म्स एक्ट, 1959 में संशोधनों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार अब इसे और कड़ा बनाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चीन में बने हथियारों की तस्करी करके भारत लाया जाता है। इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल पूर्वोत्तर में नक्सली संगठन करते हैं। इसके अलावा, नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करके देशभर में हथियारों को तस्करी करके पहुंचाया जाता है। इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ है।
केंद्र ने राज्यों से मांगे सुझाव गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इससे पहले आर्म्स एक्ट 1959 को इंडियन आर्म्स एक्ट, 1878 से बदला गया था। पिछले महीने मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर आर्म्स एक्ट 1959 की विभिन्न धाराओं में बदलाव के लिए सुझाव मांगा है। उन्होंने कहा, ‘हम देश में अवैध हथियारों की तस्करी रोकने के लिए हमें कानून में कड़े दंड का प्रावधान करने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी बहुत सख्त जरूरत है।’
2016 में 3453 हत्याओं में अवैध हथियारों का इस्तेमाल अधिकारी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दोबारा अवैध हथियारों और असलहों के साथ पकड़ा जाता है या दो से अधिक लोगों के पास अवैध हथियार और असलहे मिलते हैं तो उनके खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रालय दुकानों से असलहों की छोटी चोरियों के साथ ही देश की 41 आड्रिनेंस फैक्टि्रयों से भी हथियारों की चोरी को रोकने के उपाय कर रहा है। इस कानून में नए संशोधन से सभी पंजीकृत दुकानों का हिसाब देखने और हथियारों की निगरानी का भी प्रावधान किया जाएगा। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, वर्ष 2016 में 3,453 हत्याओं में अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। कानून व्यवस्था देखने वाली एजेंसियों ने उस साल देश भर में 55,660 अवैध हथियार और 1,06,900 असलहे जब्त किए थे।
पूर्वोत्तर में अवैध हथियारों के दम पर उग्रवाद को मिल रहा बढ़ावा दो राज्यों में डीजीपी रह चुके सेवानिवृत्त आइपीएस अफसर प्रकाश सिंह ने बताया कि हथियारों की तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। समूचे पूर्वोत्तर में इन्हीं अवैध हथियारों के दम पर उग्रवाद को बढ़ावा मिल रहा है। बहुत से मामलों में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनएससीएन-आइएम ने बाहर से अवैध हथियार लाकर देश में छोटे उग्रवादी संगठनों को बेचे हैं। इसके अवैध हथियारों से जुड़े मामलों में और सख्ती किए जाने की जरूरत है। ऐसे मामलों में मकोका लगाया जाना सबसे उपयुक्त होगा। उन्होंने बताया कि पिछले ही हफ्ते पाकिस्तान के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ) ने पंजाब के तरनतारण और आसपास के इलाकों में अवैध हथियार और असलहे गिराने के लिए चार ड्रोन का इस्तेमाल किया था।