News UpdateUttarakhandसिटी अपडेट

ऋण देने के मामले में किसी भी जिले में गड़बड़ी के लिए सीधे एआर और महाप्रबंधक दोषी होंगेः धन सिंह

देहरादून। राज्य में सभी स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने घोषणा करते हुए कहा कि ऋण देने के मामले में किसी भी जिले में गड़बड़ी सुनाई दी, तो सीधे एआर और महाप्रबंधक दोषी होंगे। भ्रष्टाचार के मामले की पुष्टि होने पर अफसर, कर्मचारी सीधे बर्खास्त होंगे। जीएमएस रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित ऋण वितरण समारोह में किसानों को बिना ब्याज का एक लाख और पांच लाख का बिना ब्याज का ऋण दिया गया। इस मौके पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि बिना ब्याज का पांच लाख का ऋण सिर्फ महिला स्वयं सहायता समूह ही नहीं बल्कि पुरुष स्वयं सहायता समूह भी ले सकेंगे। कहा कि भाजपा सरकार में सहकारिता के भ्रष्टाचार पर जड़ से प्रहार किया गया।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऋण वितरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आएगी, तो भ्रष्ट अफसर कर्मचारी बर्खास्त होंगे। जिले के एआर और महाप्रबंधक दोषी माने जाएंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विभागीय मिलीभगत से लोन मुनीकीरेती बैंक से एक करोड़ का लोन लिया जाता है। संपत्ति भिलंगना की गिरवी रखी जाती है। जिसकी प्रति कीमत दस हजार रुपये भी नहीं है। पूर्व में एक संपत्ति पर दो जगह से लोन लिए गए। सख्ती के चलते ये फर्जीवाड़े अब बंद हो गए हैं। इस भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम कसने के लिए सहकारी समितियों को शत प्रतिशत कम्प्यूटराइज्ड किया जा रहा है। कहा कि बिना ब्याज का ऋण देकर किसानों, प्रवासियों, बेरोजगारों को आत्म निर्भर बनाया जा रहा है। बदरीनाथ में महिला स्वयं सहायता समूह ने दो करोड़ का कारोबार कर 40 लाख का लाभ कमाया। राज्य में 29 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं। कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा कि ऋण चेहरा देख कर न दिए जाएं। बल्कि गरीबों, जरूरतमंदों को लाभ मिले। कार्यक्रम में 15 समूह को 49.50 लाख का ऋण दिया गया। इस अवसर पर विधायक हरबंस कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा, यूसीएफ अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला, राज्य सहकारी बैंक अध्यक्ष दान सिंह रावत, अजीत सिंह, जगत सिंह चैहान, रजिस्ट्रार बीएम मिश्र, डीसीबी टिहरी अध्यक्ष सुभाष रमोला, अमित शाह आदि मौजूद रहे। किसानों को ऋण देने के मामले में टिहरी जिला अव्वल बना हुआ है। एक साल में 445 लोगों को नौ करोड़ का ऋण बांटा जा चुका है। डीसीबी टिहरी अध्यक्ष सुभाष रमोला ने कहा कि पहले लोग ऋण लेने को बैंकों के चक्कर काटते थे। आज बैंक ऋण देने गांव गांव जा रहे हैं। अब ऋण देने के लिए सिफारिश, रिश्वत की जरूरत नहीं होती। पौने चार साल पहले तक लोग सहकारिता का मतलब भी नहीं जानते थे। अब घर घर सहकारिता को पहुंचा दिया गया है। रजिस्ट्रार बीएम मिश्रा ने कहा कि सहकारिता विभाग अभी तक 4.38 लाख लोगों को 2300 करोड़ का ऋण बांट चुका है। सात हजार लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button