अमरनाथ यात्रा स्थगित होने से यात्री परेशान, ट्रैवेल एजेंसियों ने पैसा लौटाने से किए हाथ खड़े
नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को तुरंत जम्मू-कश्मीर छोड़ने संबंधी सरकार की एडवाइजरी जारी होने के बाद से जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि तमाम अन्य राज्यों से जाने वाले पर्यटकों में हडकंप मचा हुआ है। सुरक्षा कारणों से रद्द हुई अमरनाथ यात्रा ने यात्रियों की समस्याएं बढ़ा दी है। यात्रा रद्द होने के चलते पर्यटकों के लाखों रुपये एडवांस बुकिंग में फंस गए है। अलग-अलग राज्यों में चल रही निजी ट्रैवेल एजेंसियों ने ग्राहकों का पैसा लौटाने से हाथ खड़े कर दिये है। जहां एक तरफ कई राज्यों से यात्रा पर गए श्रद्धालु मायूस होकर वापस लौट रहे हैं तो वहीं यात्रा पर रवाना होने वाले श्रद्धालु अपने पैसा फंस जाने के चलते मायूस है। देश के कोने-कोने से बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे सैकड़ों यात्रियों अब सरकार के फैसले के आगे मजबूर है। असल मे देश में हजारों की तादाद में पर्यटकों ने इस यात्रा को देखते हुए फ्लाइट टिकट से लेकर, हेलिकॉप्टर बुकिंग, होटल बुकिंग और टैक्सी की बुकिंग पहले ही एडवांस में करवा ली थी। लेकिन अब निजी ट्रैवेल एजेंसियों के पास उनके पैसा वापिस करने की बात का कोई जवाब नहीं।
ट्रैवेल एजेंसियां नियम और शर्तो का हवाला देकर पल्ला झाड़ रही है। ट्रैवेल एजेंसियां के दफ्तरों पर अपना रिफंड लेने पंहुच रहे सभी यात्रियों को निराशा ही हाथ लगी है। हाल तो यह है कि रिफंड को लेकर ज्यादा बहस हो जाने पर ट्रैवेल एजेंसियां ग्राहकों को कोर्ट के माध्यम से पैसा निकलवाने की सलाह दे रही है। राजस्थान के रामअवतार शर्मा और सुबोध माथुर का परिवार अपने पैसे के लिए अब परेशान भटक रहा है। उनका कहना है कि वो इस यात्रा के लिए 75000 से एक लाख तक का एडवांस जमा करवा चुके है, लेकिन ट्रैवेल एजेंसी उनका पैसा वापस करने में दिलचस्पी नहीं ले रही। हालांकि उन्हें इस बात की खुशी भी है कि निजी विमान कंपनियों ने उनका पैसा रिफंड करने की बात कही है। बावजूद इसके इनका आरोप है कि ट्रैवेल एजेंसी सहयोग करने को राजी नहीं है। पैकेज देने वाली यह कंपनियां होटल और टैक्सी की एवज में हजारों रुपये ग्राहकों से एडवांस ले चुकी है, लेकिन अब सरकार द्वारा यात्रा रद्द किये जाने के बाद यह ग्राहकों का पैसा देने नियमों और शर्तो का हवाला देकर में आनाकानी कर रही है।
वहीं इस मामले में ट्रैवेल एजेंसियों का पैसा न लौटाने के पीछे अपना अलग तर्क है, उनका कहना है कि ग्राहकों से लिया हुआ पैसा अब उनके पास नहीं, बल्कि एडवांस बुकिंग के लिए जा चुका है। एजेंसियां पर्यटकों को यह तर्क दे रही है कि कश्मीर को लेकर रिफंड की पालिसी के तहत ही वो काम कर रहें है। ज्यादा जोर देने पर पैकेज वाली यह कंपनियां 10 प्रतिशत तक ही पैसा लौटाने पर राजी हो रहे है। ऐसे में सैकड़ों की तादाद में फंसे इन यात्रियों की सुनवाई कैसे हो इसका फिलहाल जवाब किसी के पास नहीं।