अखबारों की पीडीएफ सर्कुलेट करना गैरकानूनी, हो सकती है कानूनी कार्रवाई
नई दिल्ली। कोरोना के कारण उपजी परिस्थितियों में अखबार एक सजग प्रहरी की तरह काम कर रहे हैं। इन मुश्किलों के बीच अखबारों के सामने ई-पेपर कॉपी होने और डिजिटल पायरेसी की चुनौती भी खड़ी हो गई है। बहुत से लोग अवैध तरीके से ई-पेपर की पीडीएफ कॉपी वाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मैसेजिंग एप के विभिन्न ग्रुपों में सर्कुलेट कर रहे हैं। इससे अखबारों के सब्सक्रिप्शन पर नकारात्मक असर होता है और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आइएनएस) ने स्पष्ट किया है कि अनधिकृत तरीके से ई-पेपर पेज से अखबार कॉपी करना और पीडीएफ को सर्कुलेट करना दंडनीय अपराध है। ई-पेपर या उसके अंश कॉपी करके सोशल मीडिया पर प्रसारित करना भी गैरकानूनी है। किसी ग्रुप में अवैध तरीके से अखबार का ई-पेपर या पीडीएफ सर्कुलेट होने की स्थिति में ग्रुप के एडमिन को दोषी माना जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें भारी-भरकम जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। आइएनएस ने अखबारों को सुरक्षा की दृष्टि से अन्य कई कदम उठाने का भी निर्देश दिया है। अखबारों को ऐसी तकनीक के प्रयोग के लिए कहा गया है जिससे पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सर्कुलेट करने वाले का पता लगाना संभव हो सकेगा। हर सप्ताह एक निश्चित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर को ब्लॉक कर दिया जाएगा। अखबार की पीडीएफ या इमेज डाउनलोड को सीमित करने और जावा स्कि्रप्ट की मदद से ई-पेपर पेज से कॉपी का विकल्प प्रतिबंधित करने जैसे कदम भी उठाने को कहा गया है।