अगले 20 वर्षों में हरियाणा बन जाएगा ‘शहरों का राज्य’
चंडीगढ़। हरियाणा अगले 20 वर्षों में ‘शहरों का राज्य’ बन जाएगा और यहां हर दूसरा आदमी शहरी होगा। शहरों पर बढ़ते दबाव से निपटने के लिए सरकार ने पांच नए गुरुग्राम जैसे शहर बसाने के मास्टर प्लान को फाइनल कर दिया है। कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होने वाले ये शहर दुनिया के किसी भी विकसित शहर को टक्कर देंगे। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए बाकायदा पंचग्राम विकास प्राधिकरण बनाया गया है। जिसकी कमान खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल संभालेंगे।
शहरों पर बढ़ते दबाव से निपटने में कारगर होंगे केएमपी एक्सप्रेस-वे किनारे पांच नए शहर मंत्रिमंडल की बैठक में पंचग्राम विकास विधेयक को मंजूरी के बाद अब सारा दारोमदार हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) पर आ टिका है। एचएसआइआइडीसी ने मास्टर प्लान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की परामर्श फर्म की सेवाएं लेने की कवायद शुरू कर दी है। इन शहरों का मास्टर प्लान हाई रिजॉल्यूएशन एरिया और फोटोग्राफी का इस्तेमाल कर तैयार किया जाएगा जो इन शहरों के विकास के सभी पहलुओं के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में काम आएगा। जमीन की जरूरत और जगह की उपलब्धता के विश्लेषण के बाद इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रस्तावित पंचग्राम क्षेत्र के विकास एवं निर्माण की योजना बनाने और पांच आधुनिक शहरों की स्थापना एवं संचालन में प्राधिकरण अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री की अगुवाई वाले इस प्राधिकरण में राज्य मंत्री, जनप्रतिनिधियों, शीर्ष अधिकारियों और स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है जो योजना को सिरे चढ़ाएंगे।
शहरीकरण में सबसे आगे हरियाणा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक देश की कुल जनसंख्या का लगभग 50 फीसद हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगा। हरियाणा के मामले में शहरी आबादी 50 फीसद के निशान को दस साल पहले ही यानी कि वर्ष 2040 से पहले छू लेगी। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले राज्य के मुख्य शहरी क्षेत्रों में शहरी आबादी में अभूतपूर्व इजाफा देखने को मिलेगा। हरियाणा में एनसीआर के आसपास अधिकतम गैर-शहरीकृत क्षेत्र उपलब्ध है जिसे नए शहरों के रूप में विकसित किया जा सकता है।
आठ जिलों की जमीन पर बसेंगे शहर पंचग्राम क्षेत्र की अवधारणा और कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ दो किलोमीटर के दायरे में पांच शहर बसाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की मुहर लग चुकी। इस प्रोजेक्ट में आठ जिलों सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात, फरीदाबाद और पलवल की जमीन का इस्तेमाल होगा। केएमपी एक्सप्रेस-वे और दिल्ली के बीच के पूरे खाली हिस्से को प्रस्तावित शहरों में शामिल किया गया है। हालांकि बाहरी क्षेत्र का विकास जगह के अनुसार अलग-अलग होगा।