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अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा अपराध एवं कानून व्यवस्था अनुभाग के कार्यों की समीक्षा की गयी
देहरादून। अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में अपराध एवं कानून व्यवस्था अनुभाग के कार्यों की समीक्षा की गयी, जिसमें अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, अरूण मोहन जोशी पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी/ एटीसी, सुश्री पी0 रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड- सुश्री पी0 रेणुका देवी द्वारा अपराध एवं कानून व्यवस्था अनुभाग की जनशक्ति, चुनौतियों एवं भविष्य की कार्य योजना के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।
अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन कहा कि पुलिस मुख्यालय को प्राप्त ऐसी शिकायतें जिसमें आरोप सही पाये गये हैं, उन पर कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये । लॉ एण्ड आर्डर में अच्छा कार्य करने वाले जनपद प्रभारियों को पुरूस्कृत करने पर भी विचार किया जाएगा ।
ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा बताया गया कि पुलिस मुख्यालय में स्थापित शिकायत प्रकोष्ठ में इस वर्ष 1 जनवरी से Online Complaint System लागू कर दिया गया है, जिससे शिकायतों की जांच की प्रगति एवं समयबद्धता की मॉनिटरिंग हो सकेगी ।
समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक द्वारा निम्न दिशा-निर्देश दिये गये-
1- एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित Crime in India की तर्ज पर जनपदों की आबादी एवं वहाँ स्वीकृत पुलिस बल के सापेक्ष Crime in Uttarakhand का प्रकाशन किये जाने का निर्णय लिया गया ।
2- आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत निर्धारित अवधि पूरी करने वाले कार्मिकों के स्थानान्तरण समय से सुनिश्चित कर लिये जाये ।
3- समन, नोटिस को मोबाइल/ वाट्सअप्प/ ई-मेल के माध्यम से तामील की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ।
4- विवेचनाऐं समयावधि के अन्दर पूर्ण हो, निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों के स्थानान्तरण में पुलिस एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ।
5- अपराध सम्बन्धी ऑकडों के प्रारूप सीसीटीएनएस में डिजाइन कर ऑनलाइन जनरेट किये जाये ।
6- नारकोटिक्स एवं ट्रैकर डॉग की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा ।
7- आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत गौ वंश संरक्षण स्कवाड ऐसे पशुओं का चिह्नीकरण कर उन्हें गौशालाओं में भिजवाने में नगर निगम/ पालिका का सहयोग करें ।