अब कटे अंगों को भी जोड़ा जा सकता है-डा0 हरीश घिल्डियाल
देहरादून। कैलाश हाॅस्पिटल द्वारा एक प्रैसवार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान कैलाश हाॅस्पिटल के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डा0 हरीश घिल्डियाल तथा एजेस्थिसियोलाॅजिस्ट डा0 कनिका अरोड़ा द्वारा बताया कि दिनांक-18/5/18 को एक 8 वर्षीय बच्चा शौर्य समय करीब रात 9ः30 बजे कैलाश हाॅस्पिटल लाया गया था उसकी ऊंगली कटी हुई थी जिससे काफी खून भी निकल रहा था जो कि चारा मशीन में अचानक उसके दाएं हाथ की तर्जनी ऊंगली आजाने से कट गयी थी। शौर्य को पहले ऋषिकेश के निर्मल आश्रम फिर देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल ले जाया गया था। हमने ऊंगली जोड़ने की सर्जिकल प्रक्रिया (रिप्लांटेशन) रात 10ः30 बजे शुरू जो कि सुबह 5ः30 बजे सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। डा0 हरीश घिल्डियाल ने बताया कि यह केस बहुत चुनौतीपूणर््ा था क्योंकि एक तो बच्चे की ऊंगली का आकार उसकी कम उम्र के कारण कम था और दूसरे उसकी ऊंगली आगे से काफी कटने की वजह से जोड़ी जाने वाली खून की नाड़ियों का व्यास 0.5मि0मि0 से भी कम हो जाता है जिसे सफलतापूर्वक जोड़ना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था लेकिन उन्होंने व उनकी टीम ने कई घंटे आप्रेटिव माईक्रोस्कोप के नीचे विशेष प्रकार के माईक्रो उपकरणों की सहायता से इन कटे अंगों को जोड़ने का कार्य सम्पन्न किया। डा0 हरीश घिल्डियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अंग विच्छेदन होने पर कटे अंग को साफ कपड़े में लपेट कर एक प्लास्टिक बैग में डालकर सील कर देना चाहिये फिर इसको एक आईस बाॅक्स में डालकर तुरन्त नजदीकी अस्पताल में पहुंचना चाहिये।शौर्य की ऊंगली में सर्जरी के 14 दिन बाद खून का दौरा बिल्कुल सामान्य है तथा व 3 से 4 महीने में पहले की तरह सामान्य कार्य करने लगेगा। प्रैस वार्ता के दौरान कैलाश अस्पताल की ग्रुप डायरेक्टर रितु वोहरा, कैलाश अस्पताल देहरादून के डायरेक्टर पवन शर्मा तथा चिकित्साधीक्षक डा0 एस0के0 मिश्रा उपस्थित रहे।