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आज से सार्वजनिक परिसर संशोधन विधेयक-2019 लागू हो गया है, इस कानून के लागू होने से अवैध तरीके से सरकारी मकानों में रह रहे लोगों से भवन खाली कराने में होगी सहूलियत

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान पारित सार्वजनिक परिसर संशोधन विधेयक-2019 सोमवार से लागू हो गया है। इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे अवैध तरीके से सरकारी मकानों में रह रहे लोगों से खाली कराने में सहूलियत होगी। कानून के अनुच्छेद पांच व छह के तहत सरकारी मकान खाली कराना आसान हो जाएगा। इससे सरकारी मकानों की जहां उपलब्धता बढ़ जाएगी, वहीं मकान के लिए प्रतीक्षा सूची कम हो जाएगी।

निर्धारित समय में मकान खाली करने होंगे  पूर्व सांसदों को हर हाल में निर्धारित समय में मकान खाली करने पड़ेंगे। नये कानून के लागू होने के बाद अब अदालत का सहारा लेकर मकानों पर कब्जा बरकरार नहीं रख सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी भी 80 से अधिक पूर्व सांसदों ने अपने मकान खाली नहीं किये हैं। इसके लिए सख्त नोटिस जारी किया गया है।

तीन दिन का कारण बताओ नोटिस  संशोधित कानून में संपत्ति अधिकारी को अधिकार होगा कि वह सरकारी मकानों में अवैध तरीके से रहने वालों को तीन दिन का कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है।

निर्धारित कार्यकाल तक रहने की सुविधा  दरअसल, सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1971 के तहत सरकार अपने कर्मचारियों, सांसदों और कुछ नामचीन हस्तियों को सरकारी मकान मुहैया कराती है। ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अपने निर्धारित कार्यकाल तक यहां रहने की सुविधा होती थी। इस तरह के आवंटन नियमों के तहत मकान को अपने पास रखने की पात्रता समाप्त होने के साथ ही उन्हें मकान खाली करने का नोटिस दिया जाता था।

अदालतों के सहारे सालों साल तक रहते थे  पुराने कानून की खामियों का फायदा उठाते हुए अवैध रिहायशी लोग अदालतों का सहारा लेकर सालों तक इसमें पड़े रहते थे। अब इस संशोधित कानून से उन्हें हर हाल में मकान खाली करने पड़ेंगे।

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