एनसीसी कैडेट्स को यूथ रेडक्रास ने दिया आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
देहरादून। यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन व मास्टर ट्रेनर डिजास्टर मैनेजमेंट अनिल वर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन उत्तराखंड का सर्वाधिक संवेदनशील विषय है। अतः प्रदेश के एन०सी०सी० के छात्र-छात्रा कैडेट्स आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करें। श्री वर्मा ने रेडक्रास की स्टेट डिजास्टर रिस्पांस टीम सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा के सहयोग से एन सी सी की 11-यू० के० गर्ल्स बटालियन के दून यूनिवर्सिटी में आयोजित दस दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के दौरान 577 छात्रा कैडेट्स , एसोसिएट एन सी सी ऑफीसर्स, तथा पी आई स्टाफ तथा जीसीआई को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षणके तहत ष्इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यूष् , फर्स्ट एड ट्रेनिंग तथा स्वास्थ्य जागरूकता आदि का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि समस्त उत्तराखंड राज्य भूकंप , भूस्खलन , त्वरित बाढ़ , बादल फटने ,वनाग्नि आदि विभिन्न प्रकार की आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। आपदा प्रबंधन केवल सरकारी दायित्व नहीं है , आपदाओं के नियंत्रण में आम जनता का सहयोग भी बेहद जरूरी है। विशेषकर एन सी सी कैडेट्स जैसे अनुशासित, शिक्षित एवं साहसी युवाओं को यदि आपदा प्रबंधन का समुचित प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाये तो ऐसे प्रशिक्षित युवाओं की बड़ी संख्या आपदा नियंत्रण में बहुत ही कारगर साबित होगी। विशेष प्रशिक्षण के अंतर्गत घायलों को आपदा के दौरान सुरक्षित निकाल कर ले जाने के इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू के फ्री हैंड्स तरीकों में ह्यूमन क्रेडल, ह्यूमन क्रच, फायरमैंस लिफ्ट, क्लाॅथ लिफ्ट , फोर एंड आफ्ट मेथड, पिक-अबैक, रिवर्स पिक-अबैक, टो-ड्रेग, टू हैंडेड-थ्री हैंडेड-फोर हैंडेड सीट तथा रोप रेस्क्यू प्रशिक्षण के तहत रस्सियों के माध्यम से क्लब्ड हैंड्स, बो-लाईन ड्रेग रेस्क्यूज, ड्रा- हिच रेस्क्यू , चेयर नाॅट रेस्क्यू तथा इंप्रोवाइज्ड स्ट्रेचर आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। फर्स्ट एड ट्रेनिंग के अंतर्गत हार्ट अटैक से मरीज के बचाव हेतु सी०पी०आर० (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का विधिवत् व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता हेतु के तहत डेंगू फीवर से बचाव, नशामुक्त उत्तराखंड अभियान, रक्तदान-जीवनदान अभियान के तहत रक्तदान करने से रक्तदाता को होने वाले अनेक फायदों, गंभीर रक्तरोग थैलीसीमिया मुक्त भारत बनाने हेतु जन्म कुण्डली नहीं रक्त कुण्डली मिलान करने के बाद ही विवाह करें अभियान में विस्तृत सैद्धांतिक जानकारी प्रदान की।
शिविर अध्यक्ष व गर्ल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ओ पी पाण्डेय ने यूथ रेडक्रास के चेयरमैन अनिल वर्मा तथा सहयोगी मेजर प्रेमलता वर्मा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आपदा प्रबंधन, फर्स्ट एड प्रशिक्षण व स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम को बहुत ही उपयोगी एवं प्रशंसनीय करार दिया। उन्होंने यूथ रेडक्रास के चेयरमैन अनिल वर्मा को गर्ल्स बटालियन की तरफ से शील्ड प्रदान करके विशेष रूप से सम्मानित किया। कर्नल पाण्डेय ने कहा कि जान है तो जहान है की उक्ति को चरितार्थ करने के लिए हम सभी को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त करके आवश्यकता पड़ने पर शासन का सहयोग करने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करना चाहिए। इसके साथ ही कैडेट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रीवेंशन इज बेटर दैन क्योर के नियमों को जीवन में अपनाते हुए फास्ट फूड तथा कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के अति उपयोग से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त मानवता की सच्ची सेवा हेतु स्वैच्छिक रक्तदान करके दूसरों का जीवन बचाने के लिए एन० सी० सी० के मूल ध्येय श्रेष्ठ नागरिक होने का परिचय देना चाहिए। कर्नल पाण्डेय ने समस्त कैडेट्स का आह्वान किया कि थैलीसीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए वे आज ही संकल्प लें कि विवाह से पूर्व अपना व होने वाले साथी की थैलीसीमिया जांच अवश्य करवाएं। इस अवसर पर गर्ल्स बटालियन की प्रशासनिक अधिकारी मेजर स्वाति पांडेय तथा सूबेदार मेजर कुलबीर सिंह के निर्देशन में दून यूनिवर्सिटी,डी०आई०टी० यूनिवर्सिटी, एस०जी०आर० आर० यूनिवर्सिटी, एस०बी०एस० बालावाला यूनिवर्सिटी , डी०ए०वी० कालेज, डी०बी०एस० कालेज, मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज, सेपियंस विकासनगर, एच०एस०बी० एम० विकासनगर, आर्मी पब्लिक स्कूल बीरपुर, केंद्रीय विद्यालय आई०एम०ए०, आर्मी पब्लिक स्कूल क्लेमेंटटाउन, एम०के०पी० इंटर कॉलेज, सी०एन०आई० गर्ल्स इंटर कॉलेज,एन०एस०एम० इंटर कॉलेज तथा हिम ज्योति स्कूल की कैडेट्स ने समस्त प्रशिक्षण का कुशल प्रदर्शन किया। शिविर संचालन में लेफ्टिनेंट स्मिता त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट निहारिका वार्ष्णेय, फर्स्ट ऑफिसर पूनम शर्मा, थर्ड ऑफिसर प्रियंका नेगी, सीनियर जी०सी०आई० मंजू कैंतुरा, जी०सी०आई० सिव्या गुप्ता तथा जी०सी०आई० पूनम पंत ने विशेष भूमिका का निर्वहन किया।