गुरुकुल शिक्षा से मिलती है जीवन को बनाने की प्रेरणाः त्रिवेंद्र
हरिद्वार। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने सर्वप्रथम स्वतंत्रता का उदघोष किया था। महर्षि दयानंद सरस्वती और आर्य समाज का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा है। कहा कि हमें गुरुकुल शिक्षा से जीवन को बनाने की प्रेरणा मिलती है।
शुक्रवार को गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय में हरेला पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरेला पर्व हरियाली का प्रतीक है। 16 जुलाई से यह पर्व प्रारम्भ होता है तथा पूरे कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में पौध लगाकर मनाया जाता है। उन्होंने छात्रों से पौधे लगाने की अपील की तथा जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण में बट एवं पीपल वृक्ष को महत्वपूर्ण बताया। हिमालयन रक्षा समिति के अध्यक्ष भगवान कार्की ने कहा कि गुरुकुल संस्कार एवं शिक्षा का अद्भुत केन्द्र है। यहां छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन, चरित्र, संस्कार एवं योग आदि की विशिष्ठता में भी संस्कारित किया जाता है। उन्होंने छात्रों एवं जनसमूह को हरेला पर्व की महत्ता बताकर जन्मदिन एवं मृत्यु दिवस पर अधिक से अधिक पौधे लगाने की प्रेरणा दी। धन्यवाद ज्ञपित करते हुए संस्था के मुख्याधिष्ठाता डॉ. दीनानाथ शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए गुरुकुल परिवार सदैव अग्रणी रहा है। विद्यालय के सहायक मुख्याधिष्ठाता डॉ. नवनीत परमार ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत को उत्तराखंड के विकास में भ्रष्टाचार समाप्त करने वाला पहला मुख्यमंत्री बताया। गुरुकुल के मुख्याध्यापक डॉ. विजेन्द्र शास्त्री ने हरेला पर्व के महत्व पर विचार रखे। इस अवसर यज्ञ का भी आयोजन किया गया। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत एवं हिमालयन रक्षा समिति के सभी सदस्यों ने गुरुकुल के अधिकारियों के साथ मिलकर पीपल, बट, आंवला, अमरूद, रुद्राक्ष एवं कपूर आदि के पौधे लगाए। इस अवसर पर विद्यालय विभाग के समस्त अध्यापकगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगेश शास्त्री ने किया। इस मौके हीरा सिंह बिष्ट, स्वतंत्र सैनी, पुष्पराज, चंद्र प्रकाश जोशी, मनीष कांबोज, अवनीश कुमार, जितेंद्र पांडे, अजय चौहान, शिवा चौहान आदि शामिल रहे।