प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी व विकास विरोधी बताया
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ बेरोजगारी व मंहगाई बढ़ाने वाला बजट बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य विधानसभा में प्रस्तुत बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सदन में जो बजट प्रस्तुत किया है वह दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी, बेरोजगारी व मंहगाई बढ़ाने वाला तथा राज्य की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला है। राज्य के वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने बजट में नई बोतल में पुरानी शराब वाला फार्मूला अपनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट में नया कुछ भी नहीं है। इस बजट से बेरोजगारी व मंहगाई बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर करों का बोझ बढेगा।
करन माहरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022 के लिए सभी क्षेत्रों में निराशाजनक बजट प्रस्तुत किया गया है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। बजट का आकार बढ़ाया गया है परन्तु आय के श्रोत नहीं बताये गये हैं। बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित व कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं उनके बजट जैसे कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग, एस.सी.पी., एस.टी.पी., स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी तथा पंचायतों के बजट में कुछ नहीं किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए बजट मात्र 25 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। बजट में पयर्टन, महिलाओं, नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है। विगत वर्ष की भांति इस बजट में भी पटवारिायों को मोटर साइकिल देने जैसी कोरी घोषणायें की गई है।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गैरसैण उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की भावना है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की अवधारणा को साकार रूप देने एवं जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैण में विधानसभा भवन का निर्माण करवाते हुए माह नवम्बर, 2015 में गैरसैण में विधानसभा सत्र आहुत किया गया इसी के साथ राज्य विधानसभा में वर्ष 2017 का बजट सत्र गैरसैण में आहुत करने का संकल्प पारित किया गया था। परन्तु वर्तमान सरकार ने ग्रीष्मकालीन सत्र देहरादून में आहुत कर राज्य निर्माण की भावना का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में फिर से जीरो टॉलिरेंस का झूठा राग अलाप कर राज्य को शरब व खनन माफिया को बढ़ावा देने के रास्ते खोल दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि बजट में विकास के मुद्दे पर सरकार चुप है। प्रदेश के टूरिज्म व पर्यटन को बढ़ावा देने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 65 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत करते हुए 85 करोड़ के बजट घाटे को पाटने को कोई तरीका नहीं सुझाया गया है। बजट में समान नागरिक आचार संहिता जैसे केन्द्रीय मुद्दों का राग अलाप कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने बजट की कटु आलोचना करते हुए कहा कि जैसी आशंका थी वह इस बजट में साबित हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार को आम आदमी के दुःख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है। राज्य सरकार ने अपने इस बजट में भी कोई ऐसी योजना लागू नहीं की जिसको यह सरकार अपने एक बडी उपलब्धि के रूप में गिनाते हुए समाज के बड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली येाजना के रूप में प्रचारित कर सके। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में समाज के कमजोर तबके, बेरोजगार, महिलाओं का ध्यान रखने की बजाय राज्य सरकार के महिमा मण्डन का विशेष ध्यान रखा। जीरो टॉलिरेंस जैसे राज्य सरकार के वादे उनके अन्य वादों की भांति चुनावी जुमले साबित हुए हैं।