विधानसभा सत्र के पहले दिन सीडीएस जनरल विपिन रावत को दी गई श्रद्धांजलि
देहरादून। उतराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार को हुई। सबसे पहले सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हवाई हादसे में दिवंगत हुए सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए शोक संदेश पढ़ा। धामी ने कहा कि विश्वास नहीं हो रहा है कि सीडीएस रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। धामी ने रावत को प्रदेश और देश का गौरव बताते हुए कहा कि उनकी इच्छा थी कि शहीद सम्मान यात्रा के संदर्भ में जनरल रावत का कार्यक्रम हो पाता। धामी ने कहा कि इस सिलसिले में फोन पर रावत के साथ उनकी बातचीत भी हुई थी।
धामी ने शोक संदेश पढ़ते हुए कहा कि सीडीएस रावत हमारे गौरव थे। ‘पिथौरागढ़ से जब शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ हो रहा था, तब भी उनका फोन आया था। मेरी इच्छा थी सैनिक परिवारों और सैनिकों के साथ उनका कार्यक्रम हो। चार जगह यात्रा तय हुई थी, लैंसडाउन, बनबसा, रानीखेत और देहरादून जैसे स्थानों पर उनका कार्यक्रम तय होना था। धामी ने कहा कि उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए थे। जनरल रावत की सादगी और सरलता से लगता नहीं था कि वो सीडीएस जैसे शीर्ष ओहदे पर हैं। यही नहीं, धामी ने टनकपुर रेल लाइन के ब्रॉडगेज सर्वे के लिए भी जनरल रावत की भूमिका बताते हुए कहा कि 29 करोड़ रुपए की मंज़ूरी भी उनके प्रयास से हुई। इसके अलावा धामी ने कहा कि म्यामांर में घुस कर 60 आतंकवादियों को मार गिराना उनके ही नेतृत्व में सफल ऑपरेशन रहा। उत्तराखंड विधानस सैन्य परिवार के सपूत थे। जनरल रावत को आतंक रोधी अभियानों में महारत हासिल थी। उत्तराखंड और पूरे देश को जनरल बिपिन रावत के शौर्य पर हमेशा गर्व रहेगा। सीएम धामी के बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि म्यामांर ऑपरेशन से लेकर पाकिस्तान एयर स्ट्राइक में सीडीएस बिपिन रावत का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने देश को सैन्य पृष्ठभूमि में आगे बढ़ाने का प्रयास किया। उनका आकस्मिक निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व अन्य सदस्यों ने भी सदन में जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी।