HealthNationalUttarakhand

कई बिमारियों से बचाने के साथ साथ हृदय को भी स्वस्थ रखता है प्याजः-डाॅ.रवि नंदन मिश्र

गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग कच्चा प्याज खाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह सिर्फ लू से ही नहीं बचाता बल्कि यह कई बीमारियों से भी आपको बचा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कच्चा प्याज खाने से हाई ब्लड प्रेशर से लेकर कैंसर और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। साल 1990 में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में यह दावा किया गया था कि कच्चा प्याज खाने से दिल से जुड़ी बीमारियां ठीक हुई हैं। यह पाचन क्रिया को भी सही रखने में मदद करता है।सलाद में कच्चा प्याज खाने से पाचन ठीक रहता है और सांस संबंधी रोगों से भी बचने में मदद मिलती है। दरअसल, इसमें मौजूद मैग्नीशियम और अन्य खनिज लवण शरीर में खून का प्रवाह बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे ऊर्जा का स्तर बना रहता है। आप दोपहर के खाने में कच्चे प्याज को सलाद में शामिल कर सकते हैं। इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम और विटमिन-सी जैसे गुण पाए जाते हैं, जो न सिर्फ शरीर को निरोग बनाते हैं बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
इसे सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में चाव से खाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium Cepa) है। इसे विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है। हिंदी में इसे प्याज के साथ-साथ कांदा और डुंगरी भी कहा जाता है, वहीं, तेलुगू में उल्लिपायालु/येरा गद्दालु/निरुल्ली, तमिल में वैंगयम, मलयायलम में सवाना, कन्नड़ में उल्लिगड्डे/एरुल्ली/नीरुली, बंगाली में पिंयाज, गुजराती में डुंगरी/कांदा और मराठी में कंडा कहा जाता है। प्याज के पौधे में नीले व हरे रंग के पत्ते होते हैं।
   *प्याज के प्रकार –*
*पीला प्याज :* इसका गूदा सफेद रंग का होता है, जबकि इसकी बाहरी परत भूरे रंग की होती है। इसकी सुगंध सल्फर जैसी होती है।
*मीठा प्याज :* इसकी बाहरी परत हल्की और कम आपारदर्शी होती है और यह थोड़ा मोटा होता है।
*सफेद प्याज :* यह बाहर से दिखने में सफेद होता है। साथ ही अन्य प्याज के मुकाबले इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है।
*लाल प्याज :* यह खाने में हल्का मीठा होता है और इसे कच्चा खाया जा सकता है। इसकी बाहरी परत मैजेंटा रंग की होती है।
*शैलोट्स :* यह आकार में छोटा होता है। इसकी बाहरी परत भूरे रंग की और अंदर का गूदा बैंगनी रंग का होता है।
*हरा प्याज :* यह प्याज पूरी तरह से विकसित नहीं होता है।
*लीक :* इसका नीचे का गोल हिस्सा छोटा, जबकि तना लंबा होता है। इसे सॉस या फिर सूप बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
*प्याज कच्चा खायें या पका कर*
यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप प्याज को कच्चा खाते हैं या फिर पका कर खाते हैं। अगर कच्चे प्याज की बात करें, तो इसमें उच्च मात्रा में ऑर्गेनिक सल्फर पाया जाता है, जिसके कई फायदे हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार प्याज के गूदे की बाहरी परत में अधिक फ्लेवोनोइड होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसलिए, प्याज को काटते समय आप इस परत को कम से कम हटाएं। यह कई मामलों में आपके लिए फायदेमंद है।
वहीं, पके हुए प्याज में फाइबर व कॉपर की मात्रा पाई जाती है। जहां फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है, वहीं कॉपर मस्तिष्क के विकास के लिए अच्छा होता है। यहां तक कि प्याज का अचार भी सेहत के लिहाज से फायदेमंद माना गया है। यहां बताना जरूरी है कि कुछ कंपनियां प्याज के अचार में केमिकल मिलाती हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक है। इस लिहाज से प्याज कच्चा व पका हुआ, दोनों तरीके से खाया जा सकता है।
*प्याज के फायदे – Benefits of Onion*
*डायबिटीज में लाभ*
चूहों पर किए गए वैज्ञानिक अध्ययन के जरिए इस बात की पुष्टि की गई है कि प्याज का रस रक्त शर्करा को नियंत्रित कर सकता है। अध्यय के अनुसार, प्याज में क्रोमियम होता है, जिस कारण यह मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है। साथ ही इसमें सल्फर, क्वेरसेटिन व एंटीडायबिटिक गुण भी होते हैं, जो रक्त शर्करा पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। इसलिए, मधुमेह जैसी समस्या से बचने के लिए प्रतिदिन सीमित मात्रा में प्याज का सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर कोई मधुमेह से ग्रस्त है, तो उसे डायबिटीज की दवा के साथ-साथ प्याज का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
*पाचन तंत्र के लिए बेहतर*
प्याज के औषधीय गुण में पाचन तंत्र को बेहतर करना भी है। पके हुए प्याज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे कब्ज व गैस जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं। अगर कब्ज की समस्या नहीं होगी, तो पाचन तंत्र सही प्रकार से काम करेगा। प्याज में पाए जाने वाले इस फाइबर को ओलिगोफ्रुक्टोस कहा जाता है । यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है, ताकि आंत ठीक से काम कर सके। इतना ही नहीं, ओलिगोफ्रुक्टोस दस्त जैसी समस्या में भी लाभदायक साबित हो सकता है।
प्याज में पाए जाने वाले पाइथोकेमिकल्स गैस्ट्रिक अल्सर के असर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। प्याज में कुछ प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स भी होते हैं, जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह पेट में दर्द व पेट में कीड़े होने जैसी समस्याओं से भी राहत दिला सकता है, लेकिन इस पर अभी और शोध की जरूरत है।
*कैंसर की आशंका कम करें*
वैज्ञानिकों के अनुसार, प्याज में स्तन व पेट के कैंसर का कारण बनने वाली कोशिकाओं को पनपने से रोकने की क्षमता है। प्याज में क्वेरसेटिन व एंथोसायनिन की मात्रा अधिक होती है। क्वेरसेटिन एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है । एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को बनने से रोकता है, जिस कारण कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है। इसलिए, प्याज का सेवन करने से शरीर में कैंसर के जीवाणुओं को पनपने का मौका नहीं मिलता। प्याज का सेवन करने से मुंह के कैंसर से भी बचा जा सकता है । यह पाया भी गया है कि जो लोग प्याज का सेवन अधिक करते हैं, उन्हें कैंसर होने की आशंका कई गुना कम हो जाती है। इस प्रकार प्याज खाने के फायदे में कैंसर की रोकथाम भी है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि कैंसर घातक बीमारी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।
*हृदय को स्वस्थ करें*
प्याज में पाया जाने वाला क्वेरसेटिन गुण ह्रदय के लिए भी अच्छा है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जिससे ह्रदय बेहतर तरीके से काम कर सकता है। प्याज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी संतुलित कर सकता है, जो ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्याज में फ्लेवोनोइड होता है, जो मोटे लोगों में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है ।
प्याज खून में प्लेटलेट्स को एक-दूसरे से चिपकने से रोक सकता है, ताकि खून के थक्के न जमें और हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाए। इसके अलावा, प्याज उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है, जो ह्रदय के लिए अच्छा है। खाने में तड़का लगाते समय प्याज न डले और सलाद में इसकी जगह न हो, तो खाने का स्वाद ही नहीं आता। बेशक, इसे काटते समय आंखों में पानी जरूर आता है, लेकिन इसे खाने से जो अनगिनत फायदे होते हैं, उसका कोई मुकाबला नहीं है। खासकर, गर्मियों में कहा जाता है कि प्याज खाने से लू नहीं लगती। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्याज सिर्फ लू भर ही नहीं, बल्कि डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में भी सक्षम है।
*सूजन व एलर्जी से राहत*
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि प्याज में क्वेरसेटिन नामक तत्व होता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, क्वेरसेटिन में एंटीहिस्टामाइन नामक गुण भी होता है, जो एलर्जी से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि अगर खाने में प्याज का इस्तेमाल किया जाए, तो साइनस की समस्या दूर हो सकती है । अगर आप रात के समय कच्चा प्याज खाते हैं, तो उसमें मौजूद सल्फर नामक यौगिक बलगम को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
प्याज में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होता है। इसके रस का सेवन करने से दांतों को खराब करने वाले और एलर्जी का कारण बनने वाले स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटंस व स्ट्रेप्टोकोकस सोब्रिनस बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर सकता है । इसलिए, प्याज खाने के फायदे में सूजन को कम करना भी है।
*हड्डियों को मजबूती प्रदान करे*
रिसर्च के अनुसार प्याज उम्र बढ़ने के साथ होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होकर टूटना) की आशंका को कम कर सकता है। वहीं, एक अन्य अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं प्रतिदिन प्याज खाती हैं, उनकी हड्डियां प्याज न खाने वाली महिलाओं की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक मजबूत होती हैं । साथ ही 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के प्याज खाने से हड्डियों पर सकारात्मक असर पड़ता है।
अर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, प्याज में पाया जाने वाला क्वेरसेटिन इतना असरकारी है कि यह ल्यूकोट्रिएन, प्रोस्टाग्लैंडिंस और हिस्टामाइन के प्रभाव को कम कर सकता है। ये सभी ऑस्टियोअर्थराइटिस व रुमेटाइड अर्थराइटिस में सूजन का कारण बनते हैं । इसके अलावा, प्याज खाने से जोड़ों के दर्द से भी राहत मिल सकती है। प्याज के औषधीय गुण की सूची में हड्डियों की मजबूती भी है।
*रोग प्रतिरोधक प्रणाली बनाएँ रखें*
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए विटामिन-सी की जरूरत होती है और प्याज में मौजूद फाइटोकेमिकल्स शरीर में विटामिन-सी को बढ़ाने का काम करते हैं। प्याज में सेलेनियम भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर कर सकता है। प्याज का सेवन करने से शरीर में विटामिन-सी की मात्रा बढ़ती है। विटामिन-सी प्रतिरक्षा प्रणाली में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है और विषाक्त पदार्थों को साफ करता है ।
 *मुख के लिये  लाभकारी*
यह तो सभी जानते हैं कि कच्चा प्याज खाने के बाद मुंह से बदबू आने लगती है, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि कच्चा प्याज मुंह के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। इसमें थायोसल्फ्रेट्स और थियोसल्फोनेट्स नामक दो सल्फर यौगिक पाए जाते हैं, जो दांतों को सड़ाने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं। प्याज में विटामिन-सी होता है, जो दांतों की सेहत के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं, प्याज मुंह के कैंसर को पनपने से रोकने में भी मदद कर सकता है।
  *कान दर्द से राहत*
ऐसा माना जाता है कि कान में होने वाले दर्द को प्याज से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए प्याज को गर्म करके उसका रस निकाला जाता है और प्रभावित कान में डाला जाता है।
*आंखों की रोशनी बढ़ाएँ*
प्याज और आंखों का संबंध भी अजीब है। इसे काटने पर आंखों से पानी निकलता है, तो खाने पर आंखों की रोशनी तेज होती है। प्याज के सेवन से शरीर में ग्लूटाथिओन का निर्माण होता है, जो प्रोटीन का ही एक प्रकार है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। शरीर में ग्लूटाथिओन की अधिक मात्रा यानी काला व सफेद मोतियाबिंद और आंखों से जुड़ी अन्य बीमारियों से छुटकारा । प्याज में सेलेनियम भी होता है, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ई मिलता है और आंखों के लिए विटामिन-ई जरूरी है। इसलिए, कहा जा सकता है कि प्याज खाने के फायदे में आंखों की रोशनी बढ़ाना भी है।
*यौन क्षमता को बढ़ाए*
प्याज सिर्फ सब्जी भर नहीं है, बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। इसका इस्तेमाल यौन क्षमता बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि अगर प्याज के सेवन से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है। इसी संबंध में वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है। इस रिसर्च को एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च पेपर में साफ तौर पर बताया गया है कि प्याज या प्याज का अर्क इस्तेमाल करने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बेहतर हो सकता है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए इस हार्मोन का संतुलित होना जरूरी है।
*बुखार व खांसी के लिए*
अगर कभी बुखार हो, तो  प्याज को घरेलू उपचार के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। इसके प्रयोग से बुखार से काफी हद तक राहत मिल सकती है। आज भी कई लोग बुखार व खांसी होने पर पारंपरिक रूप से प्याज का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोगों को नाक से खून बहने की समस्या होती है, उनके लिए प्याज का धुआं फायदेमंद हो सकता है। वहीं, खांसी होने पर शहद में प्याज के रस को मिलाकर सेवन करने से आराम मिल सकता है। प्याज खाने के फायदे में बुखार व खांसी से राहत भी शामिल है। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है ।
*रजोनवृत्ति में सहायक*
रजनोवृत्ति के समय महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। ऐसे में प्याज उनके लिए लाभदायक हो सकता है। मुख्य रूप से रजनोवृत्ति के समय महिलाओं की हड्डियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। ऐसे में प्याज के रस का सेवन करने से बोन डेंसिटी में सुधार होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर में भी बताया गया है कि रजनोवृत्ति में प्याज का रस फायदेमंद है। अध्ययन में स्पष्ट हुआ है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र की जिन महिलाओं ने प्याज के रस का सेवन किया, उनके कूल्हों में फ्रैक्चर होने की आशंका 20 प्रतिशत कम हो गई । इस आधार पर कहा जा सकता है कि रजोनवृत्ति के दौरान प्याज का उपयोग लाभकारी है ।
*श्वासनली की समस्या में लाभ*
अगर कोई अस्थमा जैसी श्वास नली से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहा हैं, तो प्याज का सेवन कर सकता है। यह एंटीइंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। साथ ही इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो अस्थमा व एलर्जी राइनाइटिस जैसी समस्याओं के लिए ठीक होता है। इसे रोजमर्रा की डाइट में शामिल किया जा सकता है। फिर चाहे इसे सब्जी में डाला जाए या फिर सलाद के तौर पर खाया जाए। यह हर लिहाज से फायदेमंद साबित होगा। प्याज के फायदे में श्वासनली का बेहतर तरीके से काम करना भी है।
*अनिद्रा और तनाव को दूर करें*
जैसा कि इस आर्टिकल में पहले भी बताया गया है कि प्याज में प्रीबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छी नींद लाने और तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं। प्याज खाने से आंत में अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं, जो डाइटरी फाइबर को पचाते हैं, जिससे पेट ठीक रहता और मेटाबॉलिक बायप्रोडक्ट का निर्माण होता है। ये बायप्रोडक्ट मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर करते हैं और अच्छी नींद आती है । प्याज के औषधीय गुण में बेहतर नींद सोना भी है।
*खून के थक्के नहीं जमते*
प्याज में रुटीन नामक तत्व होता है, जो शरीर में रक्त के थक्के बनने नहीं देता। एक अध्ययन में पाया गया है कि रुटीन एंटीथ्रोम्बोटिक की तरह काम करता है, जो रक्त के थक्के बनने की आशंका को कम करता है। ये खून के थक्के आर्टरी व नसों में बन सकते हैं। थक्के बनने पर कुछ एंजाइम का निर्माण होने लगता है और रुटीन इन्हीं एंजाइम को रोकने में मदद करता है ।
*हैजा का उपचार*
सर्दी-खांसी, कान दर्द व कैंसर जैसी बीमारियों के बाद अब हम हैजा की बात करते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में ऐसे गुण होते हैं, जो कुछ हद तक हैजा को ठीक करने में सक्षम होते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए, हैजा होने पर प्याज का उपयोग घरेलू उपचार के तौर पर किया जा सकता है । हैजा में प्याज के फायदे हैं।
*ऊर्जा बनाएँ रखें*
प्याज में फाइबर होता है, जो पाचन की प्रक्रिया को धीरे करता है। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इसके अलावा, प्याज में इनुलिन (स्टार्च युक्त पदार्थ) पाया जाता है, जो शरीर की कार्यक्षमता को संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकता है।
*स्वस्थ रखें मस्तिष्क*
एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध प्याज मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है। यह मस्तिष्क में विषैले पदार्थों को जमा नहीं होने देता। साथ ही इसमें सल्फर भी होता है, जो उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त को कमजोर होने से बचाता है । शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर आप प्याज के ये सभी लाभ पाना चाहते हैं, तो प्याज को पकाकर खाने की जगह कच्चा ही खाएं।
*ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का मुकाबला*
चीन में हुए एक शोध के अनुसार, प्याज का जूस पीने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। साथ ही प्याज में मौजूद क्वेरसेटिन गुण होने के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा, प्याज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के असर को कम कर सकते हैं ।
*किडनी में पथरी*
अगर कोई किडनी में पथरी के कारण परेशान हैं, तो प्याज काम आ सकता है। यह आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम करता है। प्याज न सिर्फ किडनी से पथरी को बाहर निकालता है, बल्कि पेट को भी साफ करता है। पथरी को बाहर निकालने के लिए प्याज के रस में चीनी घोलकर पी सकते हैं। इससे काफी हद तक फायदा हो सकता है।
*यूटीआई से राहत*
अधिकतर महिलाओं को यूरिन ट्रैक इंफेक्शन (यूटीआई) यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पेशाब करते हुए मूत्र मार्ग में तेज जलन होती। गंभीर मामलों में दर्द के साथ बुखार भी आता है। इस अवस्था में प्याज का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं । 100 ग्राम प्याज को 600ml पानी में तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा न रह जाए। फिर इस पानी को पिएं। यह घरेलू उपचार एक हफ्ते तक करने से यूटीआई से राहत मिल सकती है।
*दमकती त्वचा के लिए*
निखरी व खिली-खिली त्वचा के लिए विटामिन-ए, सी और ई की जरूरत होती है और प्याज में ये सभी गुण मौजूद होते हैं। ये सभी विटामिन मिलकर त्वचा पर फ्री रेडिकल्स के कारण समय से पहले झुर्रियां पड़ने की आशंका को कम करते हैं। इसके अलावा, प्याज एंटीसेप्टिक के तौर पर भी काम कर सकता है, जिस कारण खराब त्वचा बैक्टीरिया से सुरक्षित रहती है।
*कील-मुंहासे से निजात*
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि प्याज में एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन सभी गुणों के चलते ही प्याज त्वचा के लिए लाभकारी है। इससे न तो कील-मुंहासे होते हैं और न ही त्वचा संबंधी कोई रोग होता है।
*एंटी-एजिंग*
प्याज में मौजूद विटामिन-ए, सी व ई त्वचा को सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों से बचाते हैं। साथ ही फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को भी कम करते हैं। इन फ्री रेडिकल्स के कारण ही त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां पड़ने लगती हैं। आइए, जानते हैं कि झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए किस प्रकार प्याज का इस्तेमाल किया जाए।
*कीड़े-मकोड़ों के काटने का इलाज*
कई बार कीड़े-मकोड़े या फिर मच्छर काट लेते हैं। इससे त्वचा पर निशान पड़ जाते हैं। इससे राहत पाने के लिए प्रभावित जगह पर प्याज का टुकड़ा रगड़ सकते हैं। प्याज में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण जले, कटे, खुजली व सूजन से राहत दिला सकता है।
*डार्क स्पॉट व पिगमेंटेशन से राहत*
प्याज में पाए जाने वाले पाइथेन्यूट्रियंट्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा में मौजूद गंदगी को निकाल कर निखार लाते हैं। इससे न सिर्फ डार्क स्पॉट साफ होते हैं, बल्कि पिगमेंटशन की समस्या भी कुछ हद तक कम होती है।
*मस्सों के लिए*
प्याज के रस में एसिडिटी और कुछ केमिकल्स होते हैं, जो मस्सों से छुटकारा दिला सकते हैं। आपको बस इतना करना भर है कि प्याज के ताजा रस को मस्सों पर लगाना है। फिर रस को मस्से में खुद से अवशोषित होने दें। अगर आप इसे महीना भर करते हैं, तो मस्से जड़ से खत्म हो सकते हैं।
*लंबे बाल के लिए*
प्याज में सल्फर और केराटिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के लिए जरूरी होते हैं। जब प्याज के रस को बालों पर लगाया जाता है, तो बाल लंबे, घने और मजबूत बन सकते हैं। सल्फर के कारण स्कैल्प में कोलेजन का निर्माण होता है, जिससे कोशिकाओं में विकास होता है और बाल जड़ों से मजबूत होते हैं। कुछ शोध तो यह भी कहते हैं कि प्याज के रस से बाल धोने से बालों का विकास बेहतर तरीके से होता है।
*डैंड्रफ को रोके*
कई लोगों को डैंड्रफ की समस्या होती है। खासकर, सर्दियों में यह समस्या ज्यादा हो जाती है। इससे बचने के लिए आप प्याज का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह डैंड्रफ को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है।
*बालों का प्राकृतिक रंग बनाये रखें*
अगर आप चाहते हैं कि आपके बालों में प्राकृतिक रंग बना रहे, तो आप प्याज का इस्तेमाल जरूर करें। इसके लिए आप प्याज का जूस बालों पर लगाएं। इससे आपके बाल चमकदार बने रहेंगे। अगर आप सरसों के तेल में प्याज को मिक्स करके बालों पर लगाते हैं, तो बालों में प्राकृतिक चमक बनी रहेगी।
*सफेद बालों से राहत*
प्याज में कैटलस नामक एंजाइम पाया जाता है, जो बालों को सफेद होने से रोकता है। साथ ही बालों को जड़ों से काला बनाता है।
*जूं नाशक*
प्याज में सल्फर होता है, जो सिर में पनपने वाली जूं को खत्म कर सकता है।
इस आलेख में सलाह केवल आपको सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए दी गई है। आप किसी भी चीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*
*असी.प्रोफेसर एवं कार्यक्रम अधिकारी*
*राष्ट्रीय सेवा योजना*
( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वाराणसी*) *सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*
*2. भास्कर समिति,भोजपुर ,आरा*
*3.अखंड शाकद्वीपीय  एवं*
*4. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष – वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*
*मोबाइल नंबर 7766989511*
*ह्वाटसाॅप नंबर 8765254245*
  *ईमेल- kumudravi90@gmail.com*

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button