पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की निकली भव्य पेशवाई
हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की भव्य पेशवाई सोमवार को बिशनपुर स्थित श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्माण की शाखा से कनखल अखाड़ा की छावनी में प्रवेश कर गई। पेशवाई के संतों का मेलाधिकारी और आईजी कुंभ ने देश रक्षक चैराहे पर उत्तराखंड पुलिस बैंड की धुनों पर स्वागत किया। बिशनपुर से कनखल पहुंचने तक जगह-जगह संतों को देखने के लिए भीड़ उमड़ी और फूल बरसाए। पेशवाई के जगजीतपुर पहुंचने का श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते दिखे। जगजीतपुर पहुंचते ही अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने संतों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। पेशवाई का स्वागत दही और पेड़े का भोग लगाकर किया गया।
पेशवाई में सबसे आगे हाथी-घोड़ों के साथ अखाड़े की ध्वज पताका चल रही थी। पेशवाई में उदासीन संप्रदाय के संस्थापक भगवान चंद्राचार्य महाराज और गुरु संगत साहिब का विग्रह चल रहा था। पेशवाई बूढ़ी माता चैक, सती कुंड, देश रक्षक चैक, दादू बाग, हनुमानगढ़ी, कनखल थाने, सराफा बाजार, चैक बाजार, पहाड़ी बाजार, बंगाली मोड़ होते हुए अखाड़े की छावनी में पहुंची। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री हरि गिरि, महंत रविंद्र पुरी, परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महन्त देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ने पेशवाई का स्वागत किया।
पेशवाई का नेतृत्व अखाड़े के मुखिया महंत भगत राम, अध्यक्ष महंत धुनी दास, सचिव महंत जगतार मुनि, मुखिया महंत मंगलदास कोठारी, महंत वेद मुनि, मुखिया महंत सुरजीत मुनि, मुखिया महंत आकाशवाणी ने की। पेशवाई में अखाड़ा के उप सचिव महंत त्रिवेणी दास महामंडलेश्वर स्वामी सुरेंद्र मुनि, महामंडलेश्वर राम प्रकाश शास्त्री, महामंडलेश्वर शांतानंद, महामंडलेश्वर मोहनदास खिचड़ी समेत कई संत-महंत मौजूद रहे। अखाड़े के मुखिया महंत भगत राम ने बताया कि अखाड़े की स्थापना 1738 में महंत मनोहर दास डेरा पटियाला ने की थी। अखाड़े ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता एवं आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुखिया महंत मंगल दास ने कहा कि अखाड़े ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा कार्य किया है। वहीं, मंगलवार को बैरागी अखाड़ा की तीनों अणियों की पेशवाई निकाली जाएगी। पेशवाई भूपतवाला से दोपहर में चलेगी और बैरागी कैंप में प्रवेश करेगी। पेशवाई की तैयारियां पूरी हो गई हैं। पेशवाई में हेलीकॉप्टर से संतों पर पुष्पवर्षा होगी और एक हजार से अधिक खालसे मौजूद रहेंगे।