7 गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करने संबंधी प्रक्रिया अंतिम चरण में
ऋषिकेश। ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में टिहरी बांध विस्थापित पुनर्वास क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित 7 गांव को राजस्व ग्राम बनाए जाने संबंधित प्रक्रिया जो अंतिम चरण में है। जिस हेतु आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रक्रिया को पूरा करने के संबंध में शासन को भेजे जाने वाली आख्या की आवश्यक कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग एवं वन विभाग के उच्च अधिकारियों के संग विस्थापित क्षेत्र में संयुक्त रूप से सर्वेक्षण किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विस्थापित क्षेत्र में 7 गांव जिनमें असेना, डोबरा मालीदेवल, सिराई, विरयाणी, लमबागड़ी एवं होजीयान की भू सृजन सम्वन्धी अधिसूचना जारी किए जाने की कार्यवाही अन्तिम चरण में है घ्।श्री अग्रवाल ने कहा कि राजस्व विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों के संग सर्वेक्षण कर इसकी आख्या शासन को भेजी जाएगी तत्पश्चात शीघ्र ही सातो गांव राजस्व ग्राम में शामिल किये जाएंगे।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि टिहरी बांध के लिए भागीरथी व भिलंगना घाटी के कई गांवों को वर्ष 2000 में ऋषिकेश के निकट पशुलोक और श्यामपुर में विस्थापित किया गया था। पशुलोक और श्यामपुर में विस्थापित हुए टिहरी बांध विस्थापितों को भूमि तो मिली, मगर अभी तक भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल पाया। वहीं लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इन्हें सरकार चुनने का अधिकार तो है मगर, विकास की सबसे अहम मानी जाने वाली पंचायत व्यवस्था में इनका कोई अस्तित्व नहीं है। जिससे सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ भी यहां विस्थापितों को नहीं मिल पा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विस्थापित क्षेत्र के 7 गाँवों को राजस्व ग्राम बनाए जाने के लिए वह लगातार काफी समय से प्रयासरत रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने प्रदेश में रही सभी सरकारों से कार्यवाही करने के लिए अनेकों बार अपनी बात रखी थी। जो अब शीघ्र परवान चढ़ जाएगी। इस अवसर पर डीएफओ देहरादून राजीव धीमान, तहसीलदार शूरवीर सिंह राणा, वन विभाग के एसडीओ मरतोलिया, रेंजर एनएस राणा, जगदंबा सेमवाल, प्रताप सिंह राणा, विजय बिष्ट, हरि सिंह भंडारी, विनोद सिंह राणा, जगदंबा रतूड़ी, जय सिंह राणा, राजस्व निरीक्षक सतीश चंद्र जोशी, बलवीर सिंह रावत, शूरवीर सिंह भंडारी, प्रताप पवार, रमेश नेगी, सुंदर सिंह आदि लोग उपस्थित थे।