माता पिता को कोरोना के प्रति अपने बच्चों की आशंकाओं को सुनना चाहियेः- डा0 सुजाता
देहरादून। का ेरोना वायरस एक नया वायरस है जिसे पहली बार दिसंबर 2019 म ें वुहान, चीन में वर्णि त किया गया था। यह सभी आयु वर्ग का े संक्रमित कर
सकता ह ै, लेकिन 65 वर्ष से अधिक आयु के ब ुजुर्गा ें म ें का ेविड-19की म ृत्यु दर अधिक ह ै। बाल चिकित्सा में एक अच्छी बात यह ह ै कि वयस्का ें
की त ुलना में मामला घातक ह ै। बच्चा ें म ें का ेविड-19 के अधिका ंश मामले अन्य वायरल स ंक्रमणा ें की तरह हल्के रा ेग ह ैं। लेकिन एक उच्च
संभावना है यह अंतर्निहित पुरानी बीमारियों जैसे हृदय रोग, यकृत रोग, गुर्द े की बीमारियों, कुपा ेषण और प्रतिरक्षा की कमी वाले बच्चा ें के लिए
घातक हो सकता ह ै। जैसे-जैसे का ेविड-19 का प्रका ेप फैलता जा रहा है, कुछ बच्चा ें म ें प्रश्न हा े सकत े ह ैं आ ैर उनम ें भय का अन ुभव हो सकता
ह ै। का ेविड-19 महामारी की संभावित घातक प्रकृति के बार े म ें व्यापक समाचार कवर ेज के साथ, बच्चा ें का े अपन े स्वयं के स्वास्थ्य आ ैर सुरक्षा क े
लिए जा ेखिम के बार े म ें भय विकसित हो सकता है।
संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एंड म ैटरनिटी सेंटर, द ेहरादून की स्त्री एवं प्रसूती रा ेग विशेषज्ञ डाॅ0 सुजाता संजय न े कहा कि माता-पिता को अपन े
बच्चा ें की आशंकाआ ें का े सुनना चाहिए आ ैर उन्ह ें खारिज नहीं करना चाहिए। बच्चों का े समाचार पर द ेखन े या अपन े साथिया ें से सुनन े के बार े म ें
बात करने से पहले, माता-पिता का े यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें पहले वायरस की समझ है। का ेविड-19 महामारी ज्यादातर लोगा ें क े
लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता है। लेकिन खबर में बच्चा ें क े लिए, इसके बार े म ें डर विशेष रूप से चुना ैतीपूर्ण हा े सकता ह ै।
डॉ0 सुजाता संजय सलाह माता-पिता कोविड-19 के प्रका ेप के विषय पर पह ुंचत े ह ैं और संभावित जोखिमों के बार े में अपन े बच्चा ें से बात करत े
ह ैं। उन बच्चा ें के लिए जा े पहले से ही चिंता व्यक्त कर रहे ह ैं, माता-पिता को उन भय के माध्यम से काम करन े में मदद करने के लिए ख ुद का े
उपलब्ध कराना चाहिए। बच्चा ें का े समाचार पर द ेखन े या अपन े साथिया ें से स ुनन े के बार े म ें बात करन े से पहले, माता-पिता का े यह सुनिश्चित
करना चाहिए कि उन्हें पहले वायरस की समझ ह ै।
डॉ0 स ुजाता संजय न े कहा कि माता-पिता को अपन े बच्चा ें का े सूचित करना चाहिए कि इस बिंद ु पर वायरस क े बार े म ें क्या पता ह ै कि यह एक
श्वसन वायरस ह ै, आ ैर यह बीमारी स्पर्शोन्म ुख 1⁄4का ेई लक्षण नही ं1⁄2 हा े सकती ह ै, या हल्के स े लेकर गंभीर तक के लक्षण हो सकत े ह ैं। माता-पिता
इसे इन्फ्ल ूएंजा जैसे अन्य वायरस स े त ुलना करने के उदाहरण का उपया ेग कर सकत े ह ैं, आ ैर इस बात पर चर्चा कर सकत े ह ैं कि वायरस का े
रोकन े के लिए हाथ की स्वच्छता कैसे सबसे महत्वपूर्ण है”।
देहरादून। कोरोना वायरस एक नया वायरस है जिसे पहली बार दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान शहर में वर्णित किया गया था। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को संक्रमित कर सकता है लेकिन 65 वर्ष से अधिक की आयु वाले बुजुर्गो में कोविड की मृत्यु दर अधिक है। बच्चों में कोविड 19 के अधिक मामले अन्य संक्रमण मामलों की तरह हल्के रोग हैं लेकिन एक उच्च सम्भावना यह है कि यह अन्र्तनिहित पुरानी बिमारियों जैसे हृदय रोग, यकृत रोग, गुर्दे की बिमारियों, कुपोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले बच्चों के लिये घातक हो सकता है। जैसे जैसे कोविड का प्रकोप फैलता जा रहा है कुछ बच्चों में भय भी व्याप्त हो सकता है।
संजय आर्थो पीडिक स्पाईन मैटरनिटी सेंटर देहरादून की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा0 सुजाता संजय ने कहा कि माता पिता को अपने बच्चों की आशंकाओं को सुनना चाहिये और उन्हें खारिज नहीं करना चाहिेये। कोविड 19 के बारे में बच्चों को समाचार चैनलों पर देखने या अपने दोस्तों से सुनने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उन्हें इस वायरस के बारे में पूर्ण जानकारी हो।
डा0 सुजाता संजय ने कहा कि माता पिता को अपने बच्चों को सूचित करना चाहिये कि उन्हें वायरस के बारे में क्या पता है यह एक श्वसन बिमारी है और इसकी लापरवाही के गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
डॉ0 सुजाता ने कहा कि माता.पिता को अपने बच्चाें को खाना खाने से पहले और सार्वजनिक स्थानों पर जाने के बाद बाथरूम के उपयोग के
बाद 20 सेकंड के लिए अपने हाथ धोने के लिए सिखाना चाहिए। इसके अलावा उन्हें अपने मुंह, आंख, कान, नाक को छूने से बचना चाहिए। अपने
बच्चे को खांसते समय और छींकते समय मुंह और नाक को कोहनी से ढंकना सिखाएं। उपयोग किए गए ऊतक को तुरन्त डिस्पोज
कर दें और साबुन और पानी से हाथ धोएं या एल्काहाॅल .आधारित वस्तु पर हाथ रगड़ें। खांसने या छींकने के बाद किसी भी वस्तु या चेहरे को न
छुएं माता.पिता को अपने बच्चों की आशंकाओं को सुनना चाहिए और उन्हें खारिज नहीं करना चाहिए। उसने समझाया कि सक्रिय सुनने का
अभ्यास करके इसे पूरा किया जा सकता है।
उन्हें वायरस के बारे में अफवाहों के बजाय तथ्यों को समझने में मदद करें जब विकास के लिए उपयुक्त माता.पिता को भी स्वयं जांच करनी
चाहिए और विचार करना चाहिए कि उनके डर का उनके बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
डॉ0 सुजाता ने कहा यदि आपका बच्चा कोरेाना वायरस या किसी और चीज से घबराहट को हमलों या भय का अनुभव करना शुरू कर रहा है तो
एक चिकित्सक आपके और आपके बच्चे को इन आशंकाओं के माध्यम से स्वस्थ तरीके से काम करने के लिए सहायता करेंगें । महत्वपूर्ण बात यह
है कि परिवार के रूप में खुले संचार को जारी रखना चाहिए। यदि आपका बच्चा चिंताओं का सामना कर रहा है तो आप नहीं चाहते कि वे उन
आशंकाओं के बारे में बात करे डेटा पर भरोसा करें वर्त मान में संभव हा ेन े पर उन आशंकाओं का े आत्मसात करना हा ेगाए और यदि आवश्यक हो
तो समाचार को बंद करने से डरा े मत। ।े
बच्चे के खिलौना ें के फर्श का े साफ करें आ ैर घर पर दिन में कम से कम एक बार वस्त ुओं का े छुएं। अपने बच्चे का े सर्दी ए बुखार या फ्लू जैस े
लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति क े निकट संपर्क म ें न आन े द ें। अपन े बच्चे का े इनडा ेर गतिविधियों म ें संलग्न करन े का प्रयास कर ें। जितना संभव हा े
बाहरी गतिविधियों से बचे ंए लेकिन घर के परिसर म ें गतिविधिया ें की अनुमति दे सकत े हैं। बुखारए खा ंसी आ ैर बहती नाक वाले बच्चा े ं का े द ूसरा ें
खासकर बुजुर्गा ें दादा.दादी से मिलने की अनुमति नही ं दी जानी चाहिए। जितना हो सके उन्ह ें घर क े अंदर रखें।
भरपूर पानी के साथ पा ैष्टिक आहार द ेना न भूलें। खट्टे फल 1⁄4नार ंगीए नींबूए अ ंगूर1⁄2 आ ैर सब्जिया ं जा े विटामिन सीए विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ
1⁄4पनीरए अंडे की जर्दी1⁄2 आ ैर जस्ता युक्त खाद्य पदार्थ 1⁄4फलिया ंए दालए सेमए आ नट्स1⁄2 म ें सम ृद्ध ह ैं।