केंद्र सरकार की कड़ी आपत्ति के बाद केरल सरकार ने राज्य में लॉकडाउन में दी छूट को लिया वापस
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की कड़ी आपत्ति के बाद केरल सरकार ने राज्य में लॉकडाउन में दी छूट को 24 घंटे के बाद वापस ले लिया है। केरल की वामपंथी सरकार ने विगत रविवार को शहरों में बसों का परिचालन, रेस्तरां खोलने और दो पहिया वाहन सड़क पर चलाने की छूट दी थी। इसके चलते, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी है। कोरोना के देश में खात्मे के लिए युद्धस्तर पर प्रयासरत केंद्र सरकार ने केरल सरकार के इस मनमाने रवैये पर सोमवार को कड़ा एतराज जताया।
केंद्र ने कहा, राज्य सख्ती से करें दिशा-निर्देशों का पालन इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने केरल सरकार को पत्र लिखकर राज्य सरकार को केरल में शहरी इलाकों में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को खोलने के साथ ही बसों के परिचालन और रेस्तरां खोलने पर कड़ी आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के भी विपरीत है। केंद्रीय गृह सचिव ने केरल के मुख्य सचिव टॉम जोस को लिखे पत्र में कहा कि राज्य में दी गई छूट आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत विगत 15 अप्रैल को जारी की गई लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
राज्य सरकार ने रेस्तरां, उद्योग-धंधे खोलने व बस चलाने की दी थी इजाजत इसमें कहा कि केरल सरकार ने विगत 15 अप्रैल को लॉकडाउन की संशोधित गाइडलाइंस जारी करके उन बातों की छूट दे दी, जिसे केंद्र सरकार की ओर से जारी समग्र लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को प्रतिबंधित किया गया है। गृह मंत्रालय (एमएचए) की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि गृह सचिव अजय भल्ला ने अपने ताजा पत्र में निर्देशित किया है कि लॉकडाउन में ढील देते हुए अपने हिसाब से गाइडलाइंस जारी कर रहे हैं। इस तरह की ढील से कोरोना संक्रमण और तेजी से फैलेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय देश में लॉकडाउन के हालात पर नजर बनाए हुए है। राज्य सरकारों के साथ तालमेल के लिए हम पर्याप्त कदम उठा रहे हैं। विगत दिवस एमएचए ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने के संबंध में पत्र भेजा है।
छूट मिलते ही राज्य की सड़कों पर हो गई थी भीड़भाड़ वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में रविवार को केरल सरकार ने छूट दे दी थी। जबकि केंद्र सरकार ने तीन मई तक के लिए लॉकडाउन घोषित कर रखा है। छूट मिलते ही केरल में लोगों की सड़कों पर बड़ी तादाद में आवाजाही शुरू हो गई। राज्य के विभिन्न इलाकों में कारें और दो पहिया वाहन चलते देखे गए। इसमें वह इलाके भी शामिल हैं जो कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट घोषित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने कोविड-19 वाले ग्रीन और ऑरेंज बी जोन में छूट देने का फैसला किया था। इसमें निजी वाहनों को ऑड-ईवन के आधार पर परिचालन की छूट मिली थी। साथ ही रेस्तरां और होटल भी सोमवार से खुलने थे।
राज्य सरकार नेे दी सफाई अपनी सफाई में केरल के पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुदंरम ने कहा कि केंद्र सरकार को छूट को लेकर कुछ गलतफहमी हुई है। हमने तो केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप ही लॉकडाउन में छूट दी है। इस बीच, केरल के कोल्लम जिले में एक कांग्रेस नेता समेत पांच पार्टी कार्यकर्ताओं को लॉकडाउन तोड़ने के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया है। यह लोग जिला कलेक्टर के कार्यालय में ज्ञापन देने गए थे।
फटकार पड़ते ही सीएम विजयन ने मुख्य सचिव के साथ की बैठक सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की फटकार पड़ते ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार की सुबह राज्य के मुख्य सचिव टॉम जोस के साथ बैठक की और लॉकडाउन में दी गई छूट को वापस लेने का फैसला किया। इसके बाद मुख्य सचिव टॉम जोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सफाई देते हुए कहा कि कुछ गलतफहमी के चलते केंद्र ने लॉकडाउन में छूट पर आपत्ति जताई है। एक आदेश जारी करके बसों का संचालन बंद किया जा रहा है और रेस्तरां में भी भोजन परोसा नहीं जाएगा। लेकिन वहां टेक अवे आर्डर (खाना भर पर मंगाने के लिए) दिए जा सकेंगे। नाई की दुकानें, बुक स्टोर भी बंद रहेंगे। टॉम जोस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य साथ हैं। उन्होंने कहा कि रविवार की रात को केंद्रीय गृह सचिव से फोन पर बात हुई है और उन्होंने केरल में कोरोना की स्थिति पर संतोष जताते हुए कहा था कि राज्य को विशेष छूट मिलनी चाहिए।