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लॉकडाउन के बीच आईआईटी रुड़की ने डिजिटल प्रारुप में शिक्षण कार्य शुरू किया
-शुल्क माफी पाने वाले छात्रों को बेहतर इंटरनेट सेवा प्राप्त करने के लिए 500 रुपये की मदद प्रतिपूर्ति के रूप में मिलेगी
रुड़की। कोविड-19 महामारी की वजह से देश भर में 14 अप्रैल तक लागू लॉकडाउन के कारण कक्षाएं स्थगित हैं। इस बीच आईआईटी रुड़की ने इंटरनेट पर छात्रों के साथ डिजिटल सामग्री साझा कर शिक्षण कार्य फिर से शुरू कर दिया है। संस्थान इस तथ्य को स्वीकार करता है कि ई-लर्निंग कक्षा में दी गयी शिक्षा को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान शिक्षण गतिविधियों को जारी रखने के उद्देश्य से संस्थान ने संकाय सदस्यों को दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने के विभिन्न विकल्प दिए हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पाठ्यक्रम के विभिन्न भाग अलग-अलग डिजिटल प्रारूपों के अनुकूल हैं, संकाय सदस्यों को शिक्षण को यथासंभव प्रभावी बनाने के लिए लाइव वीडियो, इंटरेक्टिव लाइव वीडियो, वीडियो फाइलों, पीपीटी, आवाज या पाठ टिप्पणी के साथ पीपीटी, पीडीएफ, डॉक, जेपीजी मोड का लाभ उठाने के लिए कहा गया है। डिजिटल सामग्री को साझा करने के दौरान जरूरी नहीं है कि यह लाइव या इंटरेक्टिव हो, और इसलिए छात्र अपनी सुविधानुसार उस सामग्री का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होंगे। छात्रों के प्रश्नों और संदेहों का जवाब देने के लिए नियमित इंटरैक्टिव चैट वीडियो ई-मेल आधारित सत्र आयोजित किए जा सकते हैं। जहां तक संभव हो लाइव सेशन का आयोजन उस स्लॉट में किया जाएगा जो वर्तमान सेमेस्टर की समय सारिणी में उस खास पाठ्यक्रम को दिया गया है। शिक्षण की गति कक्षा शिक्षण के दौरान की गति की तुलना में थोड़ी धीमी होगी, प्रो.अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक-आईआईटी रुड़की, ने कहा। सभी छात्रों के पास इंटरनेट की नियमित तथा उच्च गति की सेवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन मध्यम गति की इंटरनेट सेवा छात्रों के एक बड़े हिस्से के पास उपलब्ध है। ऐसे छात्रों को कुछ दिनों या शायद हफ्तों के बाद सामग्री मिल पाएगी। संस्थान परीक्षा के समय को अंतिम रूप देते समय इस बात को ध्यान में रखेगा। पूर्ण, आंशिक शुल्क माफी पाने वाले छात्रों को बेहतर इंटरनेट सेवा प्राप्त करने के लिए 500 रुपये की मदद प्रतिपूर्ति के रूप में मिलेगी। सामान्य सेमेस्टर गतिविधि शुरू होने के बाद वे इस प्रतिपूर्ति का लाभ उठा सकते हैं।