मास्क की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने अपनी निगरानी में मास्क उत्पादन कराने का फैसला लिया
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर मास्क की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने अपनी निगरानी में मास्क उत्पादन कराने का फैसला किया है। मास्क बनाने वाली कंपनियां रोजाना स्तर पर सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे। सरकार ने इन कंपनियों से मास्क खरीदने के लिए कीमत भी तय कर दी है। एन95 मास्क की कीमत 40-50 रुपए की बीच होगी तो 3 प्लाई वाले एक मास्क की कीमत 6-8 रुपए होगी। सरकार इस कीमत पर कंपनियों से मास्क की खरीदारी करेगी। अगले एक माह में 2-3 करोड़ 3प्लाई मास्क की खरीदारी सरकार करेगी। वहीं 30-40 लाख एन 95 मास्क खरीदे जाएंगे।
टेक्सटाइल आयुक्त के नेतृत्व में की जाएगी निगरानी बुधवार को टेक्सटाइल सचिव की अध्यक्षता में देश भर के आठ शहरों की मास्क बनाने वाली कंपनियों व अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की गई। इनमें मुख्य रूप से मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, कोयंबटूर, कोलकाता, अमृतसर की कंपनियां शामिल थी। टेक्सटाइल आयुक्त के नेतृत्व में रोजाना स्तर पर मास्क के उत्पादन की निगरानी की जाएगी। सरकार उत्पादक कंपनियों को मास्क उत्पादन में आने वाली हर प्रकार की बाधा को भी दूर करने का काम करेगी। सप्लाई चेन को सुगम रखने का काम भी सरकार का होगा।
बॉडी शूट का भी होगा उत्पादन मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अब देश में ही कोरोना वायरस के इलाज के दौरान पहने जाने वाले बॉडी शूट का भी उत्पादन होगा। अब तक भारत बॉडी शूट के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर था। लेकिन घरेलू स्तर पर तीन कंपनियां विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक बॉडी शूट बनाने में कामयाब हो गई है। इन कंपनियों में बड़ौदा स्थित स्योर सेफ्टी, दिल्ली स्थित मनचंदा और कोयंबटूर स्थित सिट्रा शामिल हैं। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक फिलहाल देश में हर सप्ताह 20 हजार बॉडी शूट की जरूरत है।
N95 का इस्तेमाल अस्पतालों के कर्मचारियों के लिए होगा बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि देश में हर व्यक्ति को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। सरकार जो मास्क खरीदेगी, उसे संक्रमित या लोगों के बीच वितरित किया जाएगा। एन95 मास्क का इस्तेमाल अस्पतालों के कर्मचारियों के लिए होगा। बैठक में बाजार में मास्क की मनमानी कीमत वसूले जाने की भी चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक अगले एक-दो दिनों में मास्क के नाम पर हो रही लूट को बंद नहीं करने पर नेशनल फार्मास्यूटिकल्स अथॉरिटी (एनपीपीए) के माध्यम से मास्क की अधिकतम खुदरा कीमत तय हो जाएगी।